गाइड

मीडिया प्लानिंग क्या है? यह क्यों ज़रूरी है?

मीडिया प्लानिंग की मदद से एडवरटाइज़र किसी ऐड कैम्पेन को गाइड करने के लिए प्लान बना सकते हैं. असल में, हर कामयाब ऐड कैम्पेन की शुरुआत किसी मीडिया प्लान से होती है.

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मीडिया प्लानिंग क्या है?

मीडिया प्लानिंग वह प्रोसेस है जिस पर एडवरटाइज़र ऐड ख़रीदने और लॉन्च करने से पहले काम करते हैं. इससे वह अपने कैम्पेन के असर को माप सकते हैं और इनवेस्टमेंट पर ज़्यादा से ज़्यादा फ़ायदा (ROI) पा सकते हैं. किसी भी ऐड कैम्पेन के सफ़ल होने में यह पहला ज़रूरी कदम है. मीडिया प्लानिंग का सबसे अच्छा फ़ायदा यह है कि इससे आपको एक मीडिया प्लान डॉक्यूमेंट मिलता है, जो आपके ऐड कैम्पेन को आगे के लिए गाइड करता है.

मीडिया प्लानिंग से आपको क्या फ़ायदे मिलते हैं?

मीडिया प्लानिंग से आपको कई तरह के फ़ायदे मिलते हैं, जिनमें ये शामिल हैं:

  • अपने ऐड कैम्पेन को ज़्यादा ऑर्गेनाइज़ रखना
  • अपने कैम्पेन बजट को सेट और ट्रैक करना
  • पहले से किए गए रिसर्च के ज़रिए अपनी ऑडियंस को बेहतर तरीक़े से समझना, जिससे टार्गेटिंग और ऑडियंस सेगमेंटेशन ज़्यादा असरदार तरीक़े से होता है
  • अपने साथी ब्रैंड पर नज़र रख सकते हैं
  • आने वाले दिनों के ऐड कैम्पेन की तुलना करने के लिए बेंचमार्क सेट करना

मीडिया प्लान बनाने का तरीक़ा क्या है?

मीडिया प्लान बनाने के लिए चार मुख्य चीज़ों पर काम करना होता है:

  • रिसर्च और विश्लेषण करना: इनमें वे ऑडियंस जिन तक आप पहुँचना चाहते हैं, मार्केट सेगमेंट के स्टेकहोल्डर, पिछले कैम्पेन से मिले सबक और आपकी कैटेगरी के अन्य ब्रैंड शामिल हैं
  • मार्केटिंग के उद्देश्य और मुख्य परफ़ॉर्मेंस इंडिकेटर (KPI): इसमें आपके मुख्य बिज़नेस उद्देश्य और मुख्य नतीजे और वे आँकड़े शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल आप अपने कैम्पेन की कामयाबी को मापने में करते हैं. इसमें कई चीज़ें शामिल हैं, जैसे कन्वर्शन रेट, सोशल मीडिया मेट्रिक, प्रति क्लिक पर लागत या नतीजे
  • मीडिया रणनीति: इसमें आपका बजट, आपके लिए सही मीडिया और वह मीडिया जिससे बचना है (पेमेंट किया गया और पेमेंट नहीं किया गया), मुख्य मैसेज, CTA (कॉल टू एक्शन), स्पेसिफ़िकेशन, डिलीवर करने योग्य और टाइमलाइन शामिल हैं
  • रणनीति को लागू करना, उसका मूल्यांकन और मेज़रमेंट: आप कब और किस तरह ऐड कैम्पेन को लॉन्च करेंगे, मॉनिटर करेंगे और उसके असर को मापेंगे

मीडिया प्लानिंग का प्रोसेस क्या है?

मीडिया प्लानिंग इस तरीक़े से होती है:

  • रिसर्च और विश्लेषण करना. स्टेकहोल्डर के साथ मीटिंग करें और पिछले कैम्पेन पर चर्चा करें. आप यह तय कर सकते हैं कि आप किन ऑडियंस तक पहुँचना चाहते हैं और किन क्षेत्रों में अपना ऐड कैम्पेन चलाना चाहते हैं.
  • अपने उद्देश्यों और KPI तय करें. अपने मीडिया प्लान में उन्हें शामिल करें.
  • अपना बजट और बजट ट्रैकिंग स्प्रेडशीट बनाएँ. अपने मुख्य मैसेज और CTA बनाएँ. साथ ही, अपनी टाइमलाइन और स्पेसिफ़िकेशन को उनके डिलिवरेबल्स के साथ दिखाएँ. इन सब चीज़ों को अपने मीडिया प्लान में शामिल करें. इसे अमल में लाने के लिए मीडिया चैनल का इस्तेमाल करें या मीडिया प्लानर के साथ मिल कर काम करें. अपने ऐक्शन प्लान और उसकी टाइमिंग तय करें.
  • अपने ऐड कैम्पेन को लॉन्च करें और नियमित रूप से मॉनिटर करें. कौन सी चीज़ें काम कर रही हैं और कौन नहीं, इस पर ध्यान दें और उसके हिसाब से अपनी रणनीति में बदलाव करें. A/B टेस्ट करें और देखें क्या हेडलाइन और इमेज बदलने से बेहतर नतीजे मिलेंगे. ऐड कैम्पेन के ख़त्म होने पर, उससे मिलने वाले फ़ाइनल नतीजे मापें और देखें कि वे आपके KPI से कितने मैच करते हैं.

मीडिया प्लानिंग और मीडिया ख़रीदने के बीच क्या अंतर है?

मीडिया ख़रीदना वह है जो आपके मीडिया प्लान के पूरा हो जाने के बाद किया जाता है-दोनों साथ मिलकर काम करते हैं. मीडिया प्लानिंग से मीडिया ख़रीदारी के लिए पैरामीटर सेट किए जाते है. मीडिया ख़रीदारी आपके बजट पैरामीटर के अंदर रहते हुए मीडिया एडवरटाइज़िंग के लिए उपलब्ध सभी विकल्पों के बारे में बताया जाता है. ऐसा करते वक़्त आपकी ऑडियंस, ऐड का प्रकार और उन मीडिया चैनल के संयोजन पर ध्यान देते हुए उन ऐड को ख़रीदा जाता है जिससे आपका कैम्पेन सबसे अच्छे नतीजें डिलीवर करें. मीडिया एडवरटाइज़िग मीडिया ख़रीदने के लिए अक़्सर ब्रैंड मीडिया प्लानर की सेवाएँ लेते हैं. मीडिया ख़रीदारी में पेड मीडिया पर ध्यान दिया जाता है.

पेड बनाम अनपेड मीडिया क्या है?

आपके बिज़नेस या प्रोडक्ट को ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुँचाने में पेड मीडिया और अनपेड मीडिया, दोनों ही आपकी मदद करते हैं. सशुल्क मीडिया में डिजिटल एडवरटाइज़िंग और पारंपरिक एडवरटाइज़िंग (जैसे: टीवी, रेडियो, ऑउटडोर एडवरटाइज़िंग और अन्य) दोनों शामिल हैं. अनपेड मीडिया में, सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए ऑर्गेनिक पोस्ट या आपकी वेबसाइट पर मौज़ूद ब्लॉग जैसी चीज़ें शामिल हैं. आपको इन चीजों के लिए कोई भी शुल्क नहीं देना होता है. साथ ही, आप यह भी तय कर सकते है इन पोस्ट या ब्लॉग पर क्या पोस्ट किया जाएगा. आपके मीडिया प्लान में पेड और अनपेड मीडिया, दोनों की ही पूरी जानकारी होनी चाहिए.

Amazon Ads पर, Sponsored Display और वीडियो ऐड पेड मीडिया में आते हैं, जबकि Stores और Posts अनपेड मीडिया में आते हैं-अपने ब्रैंड को ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुँचाने के लिए एडवरटाइज़र मुफ़्त में इनका इस्तेमाल कर सकते हैं.