ब्रैंड किसी दूसरी संस्कृति पर आसानी से नहीं जा सकते. उन्हें इसी में रहना होगा.
17 अप्रैल, 2024 | लेखक: जस्टिन किर्कलैंड, कॉपीराइटर
किसी चौराहे की कल्पना करें.
ज़्यादातर लोगों के मन में जो तस्वीर आती है, वह है एक-दूसरे को काटने वाले कोई दो रास्ते. लेकिन एक क़दम आगे जाने पर, वे रास्ते किस तरह दिखते हैं? किसी पैदल यात्री के लिए, यह मिट्टी के दो रास्ते हो सकते हैं, जिनके बीच मीलों तक फैली हुई झाड़ियाँ हैं. किसी छोटे शहर में रहने वाले के लिए, यह वह जगह हो सकती है जहाँ दो मुख्य सड़कें आपको पड़ोस के अकेले स्टॉपलाइट तक ले जाती हैं. किसी शहर में रहने वाले के लिए, यह वह मोड़ है जहाँ आप क्रॉसवॉक के कोने पर इंतज़ार करते हैं.
यह वे नज़रिए और उनके बीच के अंतर हैं जो समाज को इतना दिलचस्प और जटिल बनाते हैं. वे हमारी संस्कृति और पहचान करने के हमारे तरीक़े को भी प्रभावित करते हैं. यह लैंगिक पहचान और सामाजिक-आर्थिक स्थिति से लेकर हमारे द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले मीडिया तक हर उस चीज़ का मिला-जुला रूप है, जो यह तय करता है कि हम दुनिया के साथ किस तरह बातचीत करते हैं, जिसमें ब्रैंड मार्केटिंग भी शामिल है. और इस तरह की बारीक जानकारी के साथ, कंज़्यूमर के साथ प्रामाणिक और ईमानदार तरीक़े से बातचीत करने की अहमियत पहले से कहीं ज़्यादा अहम हो गई है.
जब कोई ब्रैंड सांस्कृतिक कहानी सुनाना शुरू करता है, चाहे वह संगीत के इस्तेमाल के ज़रिए हो, किसी सांस्कृतिक रिवाज़ के ज़रिए हो या किसी के सच्चे अनुभव के चित्रण के ज़रिए हो - तो उन्हें प्रामाणिकता को प्राथमिकता देनी चाहिए. आपके कस्टमर के अनुभव और नज़रिए आपकी मार्केटिंग रणनीति पर असर डालने वाले होने चाहिए, लेकिन सच्चे और प्रामाणिक रूप से उन तक पहुँचने के लिए. किसी ब्रैंड को उस संस्कृति में रिसर्च करने, सीखने, सपोर्ट करने और रहने के लिए तैयार रहना होगा.
असल कनेक्शन बनाना
जब ब्रैंड कस्टमर से जुड़ी संस्कृतियों और उन समुदायों तक सबसे अच्छी तरह पहुँचने के तरीक़ों पर विचार कर रहे हैं, तो इस पर पहले से कहीं ज़्यादा विचार करना ज़रूरी है. ख़ासकर सांस्कृतिक दूरी और बाँटने वाली बातों के बारे में सार्वजनिक भावनाओं को देखते हुए. Amazon Ads से हाल ही में पब्लिश रिसर्च ऐड से लेकर ज़ाइटगाइस्ट तक के मुताबिक़, जवाब देने वाले 66% लोगों ने समुदाय और अपनेपन की भावना को ज़्यादा महसूस करने की इच्छा जताई. वहीं 70% ने यह भी कहा कि समाज पहले से कहीं ज़्यादा बँटा हुआ महसूस करता है. लेकिन, कोई ब्रैंड बस उस सांस्कृतिक अलगाव की मरहम-पट्टी नहीं कर सकता है. वह अपने मतलब के हिसाब से संदर्भ के लिए सांस्कृतिक टच पॉइंट चुने और कहे कि “अंदर आ जाओ!” सांस्कृतिक रूप से सम्बंधित कॉन्टेंट बनाने के लिए ब्रैंड और उनके कस्टमर के बीच लगातार बातचीत ज़रूरी होती है.
जैसे, कई संस्कृतियों के लिए मार्केटिंग आउटरीच पर विचार करते समय, पूछे जाने वाले सबसे अहम सवालों में से एक यह है कि आपका ब्रैंड आपकी पसंदीदा ऑडियंस तक बेहतर तरीक़े से पहुँचने के लिए कितना प्रतिबद्ध है. अगर इसे सीधे शब्दों में कहें, तो: किसी ब्रैंड को संस्कृति के भीतर रहने के लिए तैयार रहना चाहिए, ना कि उसमें सिर्फ़ आने-जाने के लिए. ऐड से लेकर ज़ाइटगाइस्ट तक के रिसर्च से पता चलता है कि सर्वे में जवाब देने वाले 10 में से 7 लोग मीडिया में ज़्यादा सच्ची, असल कहानियाँ देखना चाहते हैं जो अलग-अलग संस्कृतियों के बारे में हैं. यह सच्चाई सिर्फ़ ऑडियंस को समझने के बारे में नहीं है, बल्कि यह इस बात पर निर्भर करती है कि ब्रैंड किस चीज़ का पक्ष लेता है, ब्रैंड कहाँ एडवरटाइज़ करता है और ब्रैंड के बारे में कौन फ़ैसले ले रहा है.
Amazon Ads Brand Innovation Lab ने लंबे समय तक चलने वाले गेम के सांस्कृतिक असर पर फ़ोकस कैम्पेन बनाने के लिए SIMS और कॉन्टेंट क्रिएटर के साथ काम किया.
किसी भी ख़ास समुदाय से जुड़ने के लिए ब्रैंड को तय स्तर की अपनी जागरूकता की ज़रूरत होती है. मार्केटिंग के दिग्गज रॉय येओ कहते हैं, “[ब्रैंड] को अपनी ओर से दिए जा रहे मैसेज, लुक और फ़ील के बारे में लगातार बने रहने की ज़रूरत है.” येओ के काम को लेगो जैसे एंटरप्राइज़ ब्रैंड के कैम्पेन में दिखाया गया है. लेकिन, उस जागरूकता का मतलब यह नहीं है कि ब्रैंड के पास कार्टे ब्लैंच है, जब यह बात आती है कि उन्हें किन ऑडियंस तक पहुँचना चाहिए.
असल में, येओ का सुझाव है कि बहुत व्यापक रूप से विविधता लाना वह जगह है जहाँ जागरूकता और प्रामाणिकता का लेवल अलग हो जाता है. हर समूह में गहराई से इनवेस्ट किए बिना बहुत से समूह तक पहुँचने की कोशिश करने से कोई ब्रैंड सच्चा नहीं होने का जोखिम मोल ले सकता है. येओ बताते हैं, “आप मूल रूप से अपने ब्रैंड की वैल्यू कम कर देते हैं, क्योंकि अब आपकी कोई पहचान नहीं है. आप अपनी सभी अलग-अलग ऑफ़रिंग के साथ ख़ुद को इतना फैला देते हैं कि लोग यह नहीं समझते कि आप किसके साथ थे.”
उस कमरे में होना जहाँ यह होता है
यह तय करना कि आपके ब्रैंड का मतलब क्या है और ऐक्शन के ज़रिए इसे साबित करना ऐसा तरीक़ा है जिससे ब्रैंड अलग-अलग ऑडियंस के साथ बेहतर तरीक़े से जुड़ सकते हैं. Amazon Ads के रिसर्च से पता चलता है कि जवाब देने वाले 72% लोगों का मानना है कि एडवरटाइज़िंग ब्रैंड के लिए अपने मूल्यों को बताने का अच्छा तरीक़ा है, जिसमें यह भी शामिल है कि वे किस तरह और कहाँ एडवरटाइज़ करते हैं. इसे असरदार तरीक़े से करने का मतलब है ब्रैंड के सबसे ज़रूरी हिस्से से शुरू करते हुए बाहर की ओर काम करना. Amazon MGM Studios की 2023 प्रोग्रेस ऑन इनक्लूजन रिपोर्ट के अनुसार यह पक्का करना कि क्रिएटिव बनाने के विचार और लीडरशिप के स्टेज में प्रतिनिधित्व मौजूद है. यह आगे बढ़ने की रणनीति है जो कस्टमर के लिए बेहतरीन कॉन्टेंट बनाने में मदद करता है. रिपोर्ट में उस प्रगति के बारे में जानकारी दी गई है जो Amazon MGM Studios ने अपनी सीरीज़ और फ़िल्मों के लिए कैमरे के सामने और पीछे इनक्लूजन का समर्थन करने में की है.
रिपोर्ट कहती है, “जब कम से कम एक डायरेक्टर महिला होती है, तो मुख्य कलाकारों (लीड, रेगुलर/रेकरिंग और सपोर्टिव) की भूमिकाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व सभी टाइटल में 50% होता है. वहीं, जब कम से कम एक डायरेक्टर महिला नहीं होती है, तो यह आँकड़ा घटकर 42% पर आ जाता है.” “जब कम से कम एक लेखक अश्वेत होता है, तो मुख्य कलाकारों की भूमिकाओं में अश्वेत का प्रतिनिधित्व सभी टाइटल में 34% होता है. वहीं, ऐसा नहीं होने पर यह आँकड़ा घटकर 11% पर आ जाता है. जब कम से कम एक क्रिएटर लातिनी होता है, तो मुख्य कलाकारों की भूमिकाओं में लातिनी लोगों का प्रतिनिधित्व सभी टाइटल में 20% होता है. वहीं, ऐसा नहीं होने पर यह आँकड़ा घटकर 5% पर आ जाता है.”
उन नज़रिए को शामिल करना सिर्फ़ विविधता को बढ़ाने के बारे में नहीं है, यह पक्का करने के बारे में है कि वे आगे बढ़ने के लिए ब्रैंड की दिशा तय कर रहे हैं. मार्केटिंग कैम्पेन बनाने और उन्हें लागू करने में अलग-अलग नज़रिए को शामिल करके, आपका ब्रैंड ना सिर्फ़ कहानी को बदलने, बनी-बनाई छवि को तोड़ने और सामाजिक कलंक को दूर करने और ऑडियंस से ज़्यादा असरदार और प्रामाणिक तरीक़े से बात करने में मदद कर रहा है, बल्कि इससे यह पक्का होता है कि सांस्कृतिक योग्यता रखने वाला कोई व्यक्ति हर संस्कृति के पीछे की बारीकियों को समझ पाए.
चूँकि, दुनिया ने ब्रैंड और विविधता और प्रतिनिधित्व को जगह देने की उनकी क्षमता पर ज़्यादा तीखी नज़र डाली है, इसलिए प्रतिनिधित्व और कहानी कहने के मानक भी ऊँचे हो गए हैं. लोग और उनकी संस्कृतियाँ ऐसी चीज़ें नहीं हैं जिन्हें बाहर निकाला जाए और अपनी मर्ज़ी से कैम्पेन में उनका इस्तेमाल किया जाए. कंज़्यूमर ब्रैंड पहचान, आम लोगों के सामने छवि और मार्केटिंग कैम्पेन बनाने के लिए एडवरटाइज़र की तलाश कर रहे हैं, जो दिखाए जा रहे समुदायों के दिल और प्रामाणिकता को सामने रखते हैं. यहीं पर सांस्कृतिक अंतर को समझने का महत्व किसी कैम्पेन को ज़्यादा सार्थक बनाने में मदद कर सकता है.
Amazon Ads ने संदर्भ के अनुसार सम्बंधित एडवरटाइज़िंग के ज़रिए कस्टमर से जुड़ने के लिए नए तरीक़े बनाना, खोजना जारी रखा है. Prime Video के लाइव स्पोर्ट्स ऑफ़र के ज़रिए, कस्टमर Amazon पर फ़र्स्ट-पार्टी इनसाइट का इस्तेमाल करके अलग-अलग उप-समूहों के लिए कई, कस्टमर पर फ़ोकस एडवरटाइज़मेंट दिखाते हुए, वह बना सकते हैं जिसे ऑडियंस के मुताबिक़ क्रिएटिव कहा जाता है. जैसे, कोई कार कंपनी घर वाले किसी परिवार को ऐसा ऐड दिखा सकती है जिसमें मिनीवैन और उनके जैसे परिवार होते हैं. वहीं, किसी अकेले व्यक्ति को उसी कंपनी से ऐसा ऐड दिखाया जा सकता है जिसमें ज़्यादा कॉम्पैक्ट वाहन होता है जो उसके लिए बेहतर है. उन बारीकियों को पहचानने और उनसे सीधे बात करने से एडवरटाइज़र को कस्टमर के जीवन में ज़्यादा सम्बंधित महसूस करने में मदद कर सकता है.
संस्कृति के मकड़जाल से बचना
सबसे बड़ी बात यह है कि प्रामाणिकता को पान में समय लगता है. जब बात आपके ब्रैंड को किसी समुदाय की संस्कृति में अपनी जगह दिलाने की आती है तो इसका पहले से तय कोई समाधान नहीं है. इस प्रकार के कनेक्शन के लिए इनवेस्टमेंट, रिसर्च और आख़िरकार कस्टमर के साथ दो-तरफ़ा बातचीत में हिस्सा लेने की इच्छा ज़रूरी होती है. केली वाल्टन Amazon Music के लिए प्रोडक्ट और इंटीग्रेटेड मार्केटिंग की हेड ऑफ़ ग्लोबल ब्रैंड के तौर पर काम करती हैं. वह हेनेसी में ग्लोबल सुपरस्टार के साथ काम करने के अपने पुराने दिनों को याद करती हैं जो मुख्यधारा में तब तक सफल नहीं हुए थे.
वह कहती हैं, “असल में जिन चीज़ों को हमने बहुत गंभीरता से लिया उनमें से एक थी संस्कृति को आकार देने वालों के रूप में हमारी भूमिका.” “पीछे मुड़कर मैं कुछ ऐसे कलाकारों और ब्रैंड को देखती हूँ जिनका अब दुनिया भर में सम्मान है. हम 10 साल पहले उनके साथ मिलकर काम कर रहे थे, इससे पहले कि वे शेपर्ड फ़ेयरी [और] केंड्रिक लैमर जैसे सांस्कृतिक ज़ाइटगाइस्ट में भी थे. हम A$AP रॉकी के साथ मिलकर काम कर रहे थे. हम इन कलाकारों के साथ तब काम कर रहे थे, जब वे ऐसे कलाकार भी नहीं थे जिनके बारे में आप शायद नहीं जानते होंगे.”
यह ख़ासियत का वह लेवल है जो किसी ब्रैंड की पहचान तय करता है. अगर आप संस्कृति पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं, तो यह शायद इसलिए है, क्योंकि आपके ब्रैंड ने तब तक इंतज़ार किया है जब तक कि कोई सांस्कृतिक टच पॉइंट मुख्यधारा में नहीं आ गया है या ज़्यादा ख़ास रूप से, संस्कृति जिसे बहुसंख्यक नज़रिए के हिसाब से महान नहीं बनाया गया है. यह प्रतिक्रिया देने वाला है. आपके ब्रैंड को यह तय करना चाहिए: क्या हम इस समुदाय में रहने के लिए तैयार हैं या हम सिर्फ़ आने-जाने में दिलचस्पी रखते हैं?
"साउंड इट आउट: वेन यू कैन नॉट से इट, प्ले इट” Amazon Music, Alexa और ऐड काउंसिल द्वारा बनाया गया कैम्पेन है.
उन कस्टमर तक पहुँचने का एक तरीक़ा उन्हें क्रिएटिव बनाने की प्रक्रिया में शामिल करना है. Amazon Ads ने “साउंड इट आउट: वेन यू कैन नॉट से इट, प्ले इट” कैम्पेन बनाने के लिए ऐड काउंसिल के साथ काम किया. Amazon Music के ज़रिए उपलब्ध 10 करोड़ गानों का फ़ायदा उठाते हुए, Amazon Ads Brand Innovation Lab (BIL) ने ऐड काउंसिल के साथ मिलकर प्लेलिस्ट बनाने का काम किया. इसमें अलग-अलग प्रकार के किशोरों के इनपुट होते हैं जो माता-पिता को अपने किशोर बच्चों से जुड़ने में मदद करते हैं. पसंदीदा ऑडियंस को आकर्षित करके और उन्हें अपनी पसंद, संस्कृति और नज़रिए को प्लेलिस्ट में शामिल करके, ऐड काउंसिल और BIL किशोरों द्वारा तैयार प्रामाणिक प्लेलिस्ट बना पाया, ताकि वयस्क अपने किशोरों के साथ एंगेज होने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकें.
Amazon Ads की पहुँच ब्रैंड को उस ख़ास स्थिति को खोजने में मदद करती है, जो ऑर्गेनिक और बारीक लगती है. साथ ही, Prime Video, Amazon Music, Wondery वग़ैरह पर प्रोग्रामिंग के साथ-साथ ब्रैंड की जोड़ी बनाती है. लेकिन ज़रूरी काम - एक तरह का कनेक्शन जो लंबे समय तक चलने वाले रिश्तों के लिए मज़बूत आधार बनाता है. यह इनवेस्ट करने, देखभाल और यह समझने से आता है कि अन्य लोगों की संस्कृतियों के साथ इस तरह से कैसे जुड़ना है जो विचार करने योग्य हो. जैसे-जैसे हमारी दुनिया बदलती जा रही है, कस्टमर इस बारे में बहुत ज़्यादा जागरूक होते जा रहे हैं कि उन तक कौन पहुँच रहा है और वे जिस संस्कृति से प्यार करते हैं उसका इस्तेमाल कनेक्शन बनाने के लिए किस तरह किया जा रहा है.
और जब आपका ब्रैंड सार्थक तरीक़े से उस बातचीत में शामिल होता है, एक ऐसा तरीक़ा जो आपके ब्रैंड को सिर्फ़ कुछ पलों के लिए नहीं, बल्कि पूरी तरह संस्कृति में शामिल कर देता है, तो कस्टमर सिर्फ़ हैरान या ख़ुश नहीं होता है. वे आपको अपनी संस्कृति के हिस्से के रूप में भी स्वीकार करते हैं.