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डायनेमिक क्रिएटिव ऑप्टिमाइज़ेशन (DCO): परिभाषा, उदाहरण, टिप्स

डायनेमिक क्रिएटिव ऑप्टिमाइज़ेशन या DCO एक तरह की प्रोग्रामेटिक एडवरटाइज़िंग है, जो एडवरटाइज़र को रियल-टाइम डेटा के आधार पर पर्सनलाइज़्ड ऐड बनाने की सुविधा देती है. DCO एक शक्तिशाली टूल है जो मार्केटर को ज़्यादा संबंधित और असरादर ऐड बनाने में मदद कर सकता है.

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डायनेमिक क्रिएटिव ऑप्टिमाइज़ेशन (DCO) क्या है?

DCO का मतलब डायनेमिक क्रिएटिव ऑप्टिमाइज़ेशन है. एडवरटाइज़िंग में, DCO टेक्नोलॉजी की मदद से एक ही बेस क्रिएटिव का इस्तेमाल करके किसी ऐड के बहुत सारे वर्शन बनाए जा सकते हैं. इसमें ऑडियंस, कॉन्टेक्स्ट और पिछली परफॉरमेंस के आधार पर ऐड के कुछ हिस्सों में बदलाव किया जा सकता है. इसकी मदद से कंज़्यूमर ऐड के साथ जुड़ाव महसूस करते है.

डायनेमिक क्रिएटिव ऑप्टिमाइज़ेशन क्यों ज़रूरी है?

आज-कल कंज़्यूमर एक दिन में हज़ारों ऐड देख सकते हैं. इसलिए,अब ब्रैंड के लिए अपने ऐड में ऐसे मैसेज और क्रिएटिव का इस्तेमाल करना पहले से ज़्यादा अहम हो गया है ताकि वे कस्टमर को जोड़ सकें. DCO एडवरटाइज़र और एजेंसी को ज़्यादा सही, ज़्यादा जानकारी और ज़्यादा असरदार ऐड के अनुभव देने में मदद करता है.

साथ ही, DCO ऐड का स्तर सुधारने और कुशलता बढ़ाने में भी एडवरटाइज़र की मदद करता है. एडवरटाइज़र और ऑडियंस को अलग-अलग जगहों और ऑडियंस के हिसाब से एक ही ऐड के कई वर्शन बनाने की ज़रूरत नहीं होती, DCO उनके लिए यह काम करता है.

DCO कैम्पेन बनाना

हर दिन कंज़्यूमर अलग-अलग चैनल पर, ब्रैंड के साथ एंगेज होते हैं. हर टचपॉइंट ब्रैंड के लिए एक अवसर की तरह होता है जहां वे कस्टमर को अपने साथ जोड़ सकें. एक सफल DCO की स्ट्रैटेजी भी वैसा सटीक काम करने की होती है जहां वे संबंधित कॉन्टेंट वाले कस्टमर से मिलते हैं.

DCO कैम्पेन बनाते समय,आप यह सोचें कि अपनी ऑडियंस के साथ सही मैसेज,सही कॉन्टेक्स्ट के साथ देकर आप शॉपिंग के सफ़र के सही पड़ाव पर उनसे किस तरह से जुड़ेंगे.

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अपने कैम्पेन का स्कोप तय करना

अपना कैम्पेन को प्लान करते समय, सबसे पहले स्कोप को डिफ़ाइन करें. आपके उद्देश्य और मुख्य नतीजे (OKR) क्या हैं? स्पष्ट लक्ष्य और मुख्य परफ़ॉर्मेंस इंडिकेटर (KPI) के साथ शुरू करें. सफलता किस तरह मिल सकती है यह जानना बहुत ज़रूरी है, ताकि आपकी टीम को पता रहे कि वे क्या कर रहे हैं और आपको भी मालूम रहे कि किन KPI का मूल्यांकन कैम्पेन के बीच में और उसके ख़त्म होने पर करना है.

अपने पार्टनर के साथ तालमेल बनाना

आपको DCO टीम, क्रिएटिव टीम, पब्लिशर और/या डिमांड-साइड प्लेटफ़ॉर्म (DSP) के साथ काम करना पड़ सकता है. साथ ही, आपको मीडिया और एनालिटिक्स टीम की भी ज़रूरत पड़ेगी, जो एनालिसिस करने और मीडिया स्ट्रैटेजी बनाने में क्रिएटिव टीम की मदद करेंगी. ओनरशिप और स्ट्रैटेजी को सभी ऑडियंस, मैसेज और KPI के साथ जोड़ दें.इनसाइट के आधार पर बनी क्रिएटिव सभी पार्टी के साथ आने और प्लानिंग प्रोसेस में हिस्सेदारी के बाद ज़्यादा अच्छे नतीजे देती हैं.

स्ट्रैटेजी बनाने के बारे में चर्चा करने के लिए सभी टीम के साथ मीटिंग करें.साथ ही, परफ़ॉर्मेंस रिव्यू करने और स्ट्रैटेजी में सुधार या बदलाव लाने के लिए नियमित चर्चा करते रहें. DCO कैम्पेन में इनसाइट, मीडिया और क्रिएटिव बड़े ही अलग ढँग से जुड़े होते हैं. इसलिए, यह बहुत ज़रूरी है कि टीम के सभी लोग रणनीति को अच्छी तरह से समझें और लक्ष्य को पाने के लिए साथ मिलकर काम करें.

अपनी ऑडियंस को समझना

आपकी ऑडियंस कौन है और आप अपने ऐड को संबंधित बनाने के लिए क्या प्लान कर रहे हैं? यह जानना बहुत जरूरी है कि आपके कैम्पेन के लिए किस तरह की ऑडियंस उपलब्ध है और वह कितनी प्रासंगिक है, ताकि आप ठीक तरह से ऑडियंस को जोड़ने की स्ट्रैटेजी डिज़ाइन कर सकें. साथ ही, इससे यह जानने में भी मदद मिलती है कि अलग-अलग ऑडियंस के लिए कैसे मैसेज तैयार करने हैं. इसके साथ ही,यह भी सोचें कि हर ऐड टेक स्टेकहोल्डर कौनसी ज़िम्मेदारी निभाएगा.

अपना टेम्प्लेट बनाना

DCO के लिए क्रिएटिव टेम्प्लेट बनाने के दौरान, इस बात का ध्यान रखें कि ऐड के किन एलिमेंट को अलग-अलग रखना ज़रूरी है. साथ ही, क्रिएटिव प्रोडक्शन के दौरान फ़्लेक्सिबल टेम्प्लेट बनाने के लिए अतिरिक्त कोशिश करें, ताकि फ़्लाइट के दौरान ख़र्चीले प्रोडक्शन एडजस्टमेंट से बचा जा सके. थ्यान रहे कि कॉल टू ऐक्शन (CTAs) जैसे डायनेमिक एलिमेंट्स या प्रोडक्ट के नामों को क्रिएटिव में कैसे रखना है? क्या डायनेमिक इमेज अलग-अलग अनुपात में सेट की जाएगी या उन्हें हमेशा एक ही डायमेंशन में रखा जाएगा? क्या आपको अपने टेम्प्लेट में डायनेमिक लेआउट, टाइपोग्राफ़ी, एनिमेशन या कलर स्कीम की ज़रूरत है?

अपनी परफ़ॉर्मेंस का मूल्यांकन करना

अपने कैम्पेन के शुरू होने के बाद, समय-समय पर अपनी परफ़ॉर्मेंस का मूल्यांकन करें और अपनी रणनीति को ऑप्टिमाइज़ करते हुए आगे बढ़े. क्या कोई खास CTA किसी दूसरे से बेहतर परफॉर्म कर रहा है? क्या एक ही तरह ही की इमेज से ज़्यादा इंगेजमेंट हासिल किया जा सकता है? क्या कोई खास ऑडियंस किसी एक क्रिएटिव से ज़्यादा जुड़ाव महसूस करती है और दूसरी से कम?

जब आप परफ़ॉर्मेंस को बढ़ाने वाले क्रिएटिव एलिमेंट पर नज़र रखते हैं तब आप टेम्प्लेट से उन क्रिएटिव एलिमेंट को हटा सकते हैं जो अच्छा परफॉर्म नहीं कर रहे हैं और उनकी जगह अच्छी परफ़ॉर्मेंस देने वाले टेस्ट एलिमेंट को जोड़ सकते हैं. लगातार टेस्टिंग करते हुए और सीखते हुए आप DCO की मदद से कस्टमर से बेहतर तरीक़े से जुड़ सकते हैं. ऐसा आप हर कैम्पेन के लिए कर सकते हैं.

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DCO और एडवरटाइज़िंग के ट्रेंड

पहले एडवरटाइज़र DCO का इस्तेमाल मुख्य रूप से एक डायरेक्ट-रिस्पॉन्स टूल के तौर पर करते थे. जैसे, रिटेल ऑडियंस को वह प्रोडक्ट रिमार्केट करना जिसे वो पहले देख चुके थे. लेकिन,अब समझदार एडवरटाइज़र DCO का इस्तेमाल मार्केटिंग फ़नल में संबंधित मैसेज डालने में करते हैं. इनसाइट के आधार पर बनाए गए क्रिएटिव से ब्रैंड के बारे में जागरूकता फ़ैलाने वाली स्ट्रैटेजी बनाने में बहुत मदद मिलती है.जैसे, शॉपिंग या स्ट्रीमिंग सिग्नल का इस्तेमाल करके अलग-अलग इमेज उपलब्ध कराना या प्रोडक्ट के गुणों के बारे में बताना. अच्छी तरह से बनाई गई एक DCO स्ट्रैटेजी में हमेशा इस बात का ध्यान रखा जाता है कि वह हर टचपॉइंट पर ऑडियंस के साथ अच्छी तरह से फिट बैठे.

इसके अलावा एडवरटाइज़र सिर्फ़ डिस्प्ले एडवरटाइज़िंग के साथ ही नहीं, बल्कि दूसरे कई चैनल पर DCO का इस्तेमाल बढ़ा रहे है. जैसे, डायनेमिक वीडियो पक्के तौर पर बहुत लोकप्रिय होने वाला है, क्योंकि इन-स्ट्रीम वीडियो और स्ट्रीमिंग TV ऐड चैनल जैसे जिन प्लेटफ़ॉर्म पर यह वीडियो चलता है वे एडवरटाइज़िंग बजट के अनुपात में बढ़ रहे हैं.

डायनेमिक क्रिएटिव ऑप्टिमाइज़ेशन के उदाहरण

एडवरटाइज़र अलग-अलग कैम्पेन प्रकार के लिए DCO का इस्तेमाल कर सकते हैं. कैम्पेन जो ऑडियंस के रहने की जगह के हिसाब से एडजस्ट करें, कैम्पेन जो ऑडियंस की दिलचस्पी के हिसाब से एडजस्ट करें, संदर्भ के अनुसार बनाए गए वे कैम्पेन जो पेज के कॉन्टेंट के हिसाब से बने होते हैं और प्रोडक्ट के हिसाब से बनाए गए वे कैम्पेन जो उन प्रोडक्ट के हिसाब से चलते है जिन्हें आपकी ऑडियंस देखती है.

आइए, ग़ौर से देखें कि किसी ख़ास वर्टिकल पर DCO किस तरह अप्लाई किया जा सकता है:

ऑटोमोटिव

ऑटोमोटिव

ऑटोमोटिव एडवरटाइज़र कुछ ख़ास तरह के होते हैं जो DCO रणनीति का बखूबी पालन करते हैंं. ऑटोमेकर इनसाइट और मीडिया पार्टनर से मिले ऑडियंस सिग्नल का इस्तेमाल करके पता करते हैं कि किस कार मॉडल को प्रमोट करना है. साथ ही, वे ऑडियंस (जैसे, परिवार वाली ऑडियंस के लिए SUV और उसकी सेफ़्टी क्वालिटी) के हिसाब से कार के अलग-अलग फ़ीचर या क्वालिटी को हाईलाइट करते हैं.

उसके बाद, टियर 2 (रीज़नल) और टियर 3 (डीलरशिप) एडवरटाइज़र की ऑटो एडवरटाइज़िंग इंडस्ट्री के लिए, जगह और समय के हिसाब से मिले सिग्नल का इस्तेमाल करके संबंधित ऑडियंस को सही ऑफर और/या डीलरशिप दिखाना.

ऑटोमोटिव मार्केटिंग के बारे में ज़्यादा जानें.

कंज़्यूमर पैकेज्ड गुड्स

कंज़्यूमर पैकेज्ड गुड्स

कंज़्यूमर पैकेज्ड गुड्स बनाने वाली कंपनियाँ अक्सर अलग-अलग जगह के हिसाब से कई प्रोडक्ट ऑफर करती हैं. इसलिए इस वर्टिकल लोकेशन के हिसाब से एडजस्ट करने वाले DCO कैम्पेन बहुत कारगर साबित होते हैं.

इसके अलावा, CPG कंपनियां अक्सर ब्रेंडेड डिजिटल कॉन्टेंट भी बनाती है. इसमें टिप्स और रेसिपी जैसी चीज़ें शामिल हैं जो उन्हें अपने ऑडियंस को जोड़े रखती हैं. एडवरटाइज़र इस कॉन्टेंट का इस्तेमाल एपिसोड की तरह दिखने वाले क्रिएटिव में कर सकते है. जैसे, "हफ़्ते की टिप" या "महीने की रेसिपी."

आख़िर में, CPG प्रोडक्ट अक्सर डेमोग्राफ़िक, जीवन के महत्त्वपूर्ण इवेंट और लाइफ़स्टाइल से जुड़े होते हैं. इसलिए, इन एडवरटाइज़र को ऑडियंस इनसाइट से फ़ायदा मिलता है जिससे उनको पता चलता है कि कैम्पेन के लिए कौन सा प्रोडक्ट, इमेज और मैसेज इस्तेमाल करना है.

फ़ाइनेंशियल सर्विस

फ़ाइनेंशियल सर्विस

फ़ाइनेंस सेक्टर में एडवरटाइज़र DCO का इस्तेमाल करके अलग-अलग तरह की ऑडियंस के लिए अपने-आप बहुत सारे ऐड वर्शन बना सकते हैं. इससे ऐड बनाने में कम समय लगता है और ज़्यादा कन्वर्शन मिलते हैं. जैसे, किसी नए क्रेडिट कार्ड को प्रोमोट करने वाले क्रिएटिव कैम्पेन ऑडियंस की रूचि और उसे इस्तेमाल करने के तरीकों के हिसाब से डायनेमिक रूप से एडजस्ट हो जाते है. वे कैम्पेन ऐड में ट्रेवल, घरेलू सामान या फिल्मों और शो के टिकट और अन्य चीज़ों से जुड़े मैसेज का इस्तेमाल करते हैं जिसके लिए कस्टमर क्रेडिट कार्ड लेना चाहते हैं. लॉयल्टी पॉइंट्स जैसे अलग-अलग फ़ायदों वाले मैसेज भी इसका हिस्सा हो सकते हैं.

रिटेल बैंक और फ़ाइनेंशियल सर्विस देने वाले एडवरटाइज़र के लिए DCO एक बहुत असरदार टूल है. इसकी मदद से मार्केट में हो रहे बदलावों जैसे, लगातार बदलते ऑफर, रेट और प्रोमोशन को आसानी से कैम्पेन में शामिल कर सकते हैं. फ़ाइनेंशियल सर्विस में बड़ी भूमिका निभाने वाले बीमाकर्ता जैसे, लोकल एजेंट स्थानीय जगह के हिसाब से अपना कैम्पेन चला सकते हैं.

फ़ाइनेंशियल सर्विस एडवरटाइज़िंग के बारे में ज़्यादा जानें.

आज के मार्केटर के हिसाब से DCO बहुत अहम टूल है. इसकी मदद से क्रिएटिव रिलेवेंस को ज़रूरत के हिसाब से बेहतर बनाने में काफ़ी मदद मिलती है और नए-नए एक्सपेरिमेंट करने की संस्कृति को बढ़ावा मिलता है. जब आपके टेक्नोलॉजी का टूल सेट कम रूकावट पैदा करता है और पूरी कस्टमर जर्नी के दौरान कस्टमर को आसानी से मैसेज करने की सुविधा देता है, तो लगातार सीखने और आगे बढ़ने की प्रक्रिया में आप अपने कस्टमर के पास इनसाइट और प्रेरित करने वाले मैसेज के साथ क्रिएटिव ढंग से पहुंच सकते हैं. फिर, आप अपने कस्टमर के साथ वाक़ई में यादगार रिलेशन बना सकते हैं.

चाहे आपके पास पहले से कोई एसेट हो या आप शुरुआत से शुरू कर रहे हों, Amazon की क्रिएटिव प्रोडक्शन और एडिटिंग सर्विस आपको हर फ़ॉर्मेट में नियमों का पालन करने वाले और प्रेरित करने वाले क्रिएटिव बनाने में मदद कर सकती है.