गाइड
क्रॉस-चैनल मार्केटिंग
उदाहरण के साथ पूरी गाइड
क्रॉस-चैनल मार्केटिंग, कई टच पॉइंट पर कस्टमर तक इंटीग्रेट और एक साथ काम करने वाले तरीक़े के साथ पहुँचने का ज़रिया है. यह रणनीति बिज़नेस को सभी चैनल पर एक जैसा मैसेज डिलीवर करते हुए कस्टमर को सहज अनुभव देने में मदद करती है.
अपने प्रोडक्ट को दिखाने और कैम्पेन बनाने के लिए रजिस्टर करें.
मैनेज्ड सर्विस की रिक्वेस्ट करें. कम से कम बजट अप्लाई होता है.
कामयाबी पाने के लिए मापें, रिफ़ाइन और ऑप्टिमाइज़ करें.
अपने रोज़ के अनुभवों के दौरान ऑडियंस को एंगेज करें.
क्रॉस-चैनल मार्केटिंग क्या है?
क्रॉस-चैनल मार्केटिंग कई डिजिटल और फ़िज़िकल टच पॉइंट पर कस्टमर को तालमेल के साथ मार्केटिंग मैसेज देने का तरीक़ा है, ताकि जहाँ वे मौजूद हों, वहाँ पहुँचा जा सके. बिज़नेस सभी चैनलों पर कैम्पेन चलाकर, चौतरफ़ा रूप से परफ़ॉर्मेंस का विश्लेषण करते हुए कोहेसिव कस्टमर अनुभव बना सकते हैं.
क्रॉस-चैनल मार्केटिंग कैसे काम करती है?
क्रॉस-चैनल मार्केटिंग कस्टमर के इनसाइट, एक जैसी ब्रैंडिंग और कस्टमर के सफ़र पर केंद्रित मैपिंग के हिसाब से कॉन्टेंट को इंटीग्रेट करके काम करती है, ताकि एक जैसा ब्रैंड अनुभव दिया जा सके. ये एलिमेंट अलग-अलग टच पॉइंट के बीच आसान तरीक़े से ट्रांज़िशन करने और मल्टी-चैनल पर असरदार एंगेजमेंट बढ़ाने में मदद करते हैं, ताकि यह पक्का किया जा सके कि कस्टमर को कोहेसिव अनुभव मिल सके, भले ही वे ब्रैंड के साथ किसी भी जगह पर और किसी भी तरीक़े से इंटरैक्ट करें.
जैसे-जैसे कस्टमर का व्यवहार बदल रहा है,यह तरीक़ा लगातार ज़्यादा ज़रूरी होता जा रहा है. Amazon Ads के बियॉन्ड द बाय रिसर्च में पाया गया है कि सर्वे में शामिल 75% कस्टमर हफ़्ते में कई बार ख़रीदारी के बारे में सोचते हैं. इससे, पता चलता है कि कस्टमर हर समय ख़रीदारी कर रहे होते हैं और रोज़ कॉन्टेंट देखते हुए सामान्य तरीक़े से ब्रैंड खोजते रहते हैं, न कि जागरूकता से ख़रीद तक किसी लीनियर रास्ते पर चलते हुए.
कस्टमर के इंटीग्रेट किए गए इनसाइट
क्रॉस-चैनल मार्केटिंग में इंटीग्रेट किए गए कस्टमर के इनसाइट ज़रूरी हैं, क्योंकि वे बिज़नेस को सभी टच पॉइंट पर कस्टमर के इंटरैक्शन का पूरा और यूनिफ़ाइड व्यू बनाए रखने में मदद करते हैं. ये व्यापक इनसाइट, मार्केटर को ज़रूरत के हिसाब से मार्केटिंग अनुभव देने और सभी टच पॉइंट पर कस्टमर के साथ कब और कैसे एंगेज करना है, इस बारे में जानकारी पर आधारित फ़ैसले लेने में मदद करते हैं.
एक जैसी ब्रैंडिंग
क्रॉस-चैनल मार्केटिंग में सभी चैनल पर एक जैसी ब्रैंडिंग बेहद ज़रूरी होती है, क्योंकि यह ब्रैंड की पहचान बनाने में मदद करती है और कस्टमर जहाँ भी वे बिज़नेस से इंटरैक्ट करें, कोहेसिव अनुभव देकर भरोसा जीतने में मदद करती है. जब मैसेजिंग, विजुअल पहचान और टोन ऑफ़ वॉइस जैसे ब्रैंडिंग एलिमेंट सभी चैनलों पर एक समान रहते हैं, तो यह ब्रैंड की पहचान को मज़बूत करता है और कस्टमर को टच पॉइंट के बीच आसानी से नेविगेट करने में मदद करता है.
ज़रूरत के हिसाब से बनाया गया कॉन्टेंट
ज़रूरत के हिसाब से बनाया गया कॉन्टेंट सभी चैनल पर कस्टमर की अलग-अलग प्राथमिकताओं, व्यवहार और ज़रूरतों के मुताबिक़ सम्बंधित अनुभव देता है, जो उनसे जुड़ाव बनाता है. कस्टमर सिग्नल का इस्तेमाल करके कस्टमाइज़ की गई मैसेजिंग और ऑफ़र तैयार करने से, कस्टमर के अलग-अलग टच पॉइंट के बीच मूव करने के दौरान बिज़नेस, एंगेजमेंट बढ़ा सकते हैं, मज़बूत रिश्ते बना सकते हैं और ज़्यादा कन्वर्शन रेट हासिल कर सकते हैं.
कस्टमर-केंद्रित सफ़र की मैपिंग
क्रॉस-चैनल मार्केटिंग में कस्टमर-केंद्रित सफ़र की मैपिंग, बिज़नेस को यह समझने और ऑप्टिमाइज़ करने में मदद करती है कि कस्टमर कई टच पॉइंट पर अपने ब्रैंड के साथ कैसे इंटरैक्ट करते हैं. साथ ही, यह सुधार के लिए मौजूद मुख्य परेशानियों और मौक़ों की पहचान करने में भी मदद करती है. कस्टमर की ख़रीदारी के पूरे सफ़र की मैपिंग करके, बिज़नेस ऐसे ज़्यादा असरदार क्रॉस-चैनल अनुभव तैयार कर सकते हैं, जो कस्टमर के व्यवहार के पैटर्न और प्राथमिकताओं के मुताबिक़ हों, ताकि चैनल के बीच ज़्यादा आसान ट्रांज़िशन हो सके और कस्टमर के बीच संतुष्टि बढ़ सके.
आसान ट्रांज़िशन
क्रॉस-चैनल मार्केटिंग में आसान ट्रांज़िशन की सुविधा, ब्रैंड के साथ कस्टमर को एक जैसा और बिना रुकावट वाला अनुभव देते हुए कस्टमर को अलग-अलग चैनल के बीच आसानी से मूव करने में मदद करती है. टच पॉइंट के बीच यह सहज मूवमेंट, चाहे वह सोशल मीडिया से वेबसाइट, ईमेल से फ़िज़िकल स्टोर या मोबाइल ऐप से कस्टमर सर्विस तक हो, यह पक्का करता है कि कस्टमर बिना किसी रुकावट या अपने सफ़र में कनेक्शन टूटे बिना अपने पसंदीदा टच पॉइंट पर ब्रैंड के साथ एंगेज हो सकें.
मल्टी-चैनल एंगेजमेंट
क्रॉस-चैनल मार्केटिंग में मल्टी-चैनल एंगेजमेंट का मतलब सोशल मीडिया, ईमेल, वेबसाइट, मोबाइल ऐप और फ़िज़िकल लोकेशन जैसे अलग-अलग टच पॉइंट पर इंटरैक्शन को रणनीतिक तरीक़े से मिलाकर कोहेसिव कस्टमर अनुभव तैयार करना है. बिज़नेस इन अलग-अलग चैनल को सिंक्रोनाइज़ करके और यह पक्का करके कि वे अलग-अलग नहीं बल्कि मिलकर काम करें, सभी टच पॉइंट पर एक जैसा मैसेज डिलीवर करते हुए और सर्विस की क्वालिटी बनाए करते हुए कस्टमर तक जहाँ वे मौजूद हों वहाँ पहुँच सकते हैं.
क्रॉस-चैनल मार्केटिंग क्यों ज़रूरी है?
क्रॉस-चैनल मार्केटिंग आधुनिक बिज़नेस के लिए ज़रूरी है, क्योंकि यह सभी टच पॉइंट पर तालमेल वाला और एक जैसा अनुभव डिलीवर करते हुए कस्टमर एंगेजमेंट और ब्रैंड की इमेज को बेहतर बनाती है. इनसाइट-आधारित सोल्यूशन का इस्तेमाल करके यूनिफ़ाइड कस्टमर अनुभव तैयार करना बिज़नेस को इनवेस्टमेंट पर फ़ायदा हासिल करने और कस्टमर के साथ मज़बूत रिश्ता बनाने में मदद करता है.
क्रॉस-चैनल मार्केटिंग के मुख्य फ़ायदे
क्रॉस-चैनल मार्केटिंग के मुख्य फ़ायदे में कई टच पॉइंट पर एक जैसे इंटरैक्शन के ज़रिए बेहतर कस्टमर एंगेजमेंट, कोहेसिव मौजूदगी के साथ भरोसा और विश्वसनीयता जीतकर बेहतर ब्रैंड की इमेज, मार्केटिंग ख़र्च को मैनेज करके और बेकार ख़र्च को कम करके इनवेस्टमेंट पर बेहतर फ़ायदा और सिग्नल-आधारित सोल्यूशन शामिल हैं, जो रणनीतिक फ़ैसले लेने के लिए व्यापक इनसाइट देते हैं. ये सभी फ़ायदे मिलकर बिज़नेस को ज़्यादा असरदार कैम्पेन बनाने, कस्टमर के साथ रिश्ते मज़बूत करने और लगातार मुश्किल होते डिजिटल माहौल में मापने लायक़ बढ़त हासिल करने में मदद करते हैं.
बेहतर कस्टमर एंगेजमेंट
क्रॉस-चैनल मार्केटिंग सभी टच पॉइंट पर कस्टमर के साथ एक जैसे और मीनिंगफ़ुल इंटरैक्शन के ज़रिए बेहतर कस्टमर एंगेजमेंट बढ़ाते हैं, जिससे ब्रैंड के साथ रिश्ते मज़बूत होते हैं और कस्टमर की वफ़ादारी बढ़ती है. बिज़नेस, कस्टमर को उनके पसंदीदा चैनल के ज़रिए एंगेज करके और सम्बंधित, कनेक्ट करने वाला अनुभव देकर, कस्टमर की संतुष्टि और लाइफ़टाइम वैल्यू को काफ़ी बढ़ा सकते हैं.
लोगों के बीच ब्रैंड की धारणा को बेहतर बनाना
क्रॉस-चैनल मार्केटिंग की बड़ी ताक़त यह है कि यह सभी टच पॉइंट पर कोहेसिव और प्रोफ़ेशनल ब्रैंड इमेज तैयार करने की क्षमता रखती है, जिससे कस्टमर के बीच भरोसा और विश्वसनीयता बनती है. जब कस्टमर कई चैनल पर एक जैसा मैसेज, विज़ुअल आइडेंटिटी और सर्विस की क्वालिटी देखते हैं, तो उनके मन में ब्रैंड को लेकर ज़्यादा पॉज़िटिव धारणा बनती है, जिससे विश्वशनीयता और ब्रैंड एडवोकेसी बढ़ती है.
इनवेस्टमेंट पर बेहतर फ़ायदा
क्रॉस-चैनल मार्केटिंग इनवेस्टमेंट पर बेहतर फ़ायदा देती है. ऐसा करने के लिए, यह सभी चैनल पर मार्केटिंग ख़र्च को ऑप्टिमाइज़ करती है और ऐसा तालमेल बनाती है, जो हर कस्टमर इंटरैक्शन के असर को बढ़ाए. बिज़नेस अलग-अलग चैनल पर एक जैसा मैसेज डिलीवर करके और इनसाइट का फ़ायदा उठाकर कस्टमर तक ज़्यादा असरदार तरीक़े से पहुँचने पर, कन्वर्शन रेट और कस्टमर लाइफ़टाइम वैल्यू को बढ़ाते हुए बेकार ख़र्च को कम कर सकते हैं.
सिग्नल-आधारित सोल्यूशन
क्रॉस-चैनल मार्केटिंग कई टच पॉइंट पर कस्टमर के व्यवहार से जुड़े इनसाइट को इकट्ठा और इंटीग्रेट करके व्यापक सिग्नल-आधारित सोल्यूशन तैयार करती है, जिससे कस्टमर की ख़रीदारी के सफ़र और इंटरैक्शन पैटर्न का पूरा नज़रिया मिलता है. यह यूनिफ़ाइड नज़रिया बिज़नेस को अपनी मार्केटिंग रणनीतियों के बारे में ज़्यादा जानकारी पर आधारित फ़ैसले लेने, चैनल की परफ़ॉर्मेंस को ऑप्टिमाइज़ करने और सभी टच पॉइंट पर कस्टमर की प्राथमिकताओं और ज़रूरतों को बेहतर तरीक़े से समझने में मदद करता है.
ओमनीचैनल और क्रॉस-चैनल मार्केटिंग में क्या अंतर है?
क्रॉस-चैनल मार्केटिंग ऐसी रणनीति है, जिसमें चैनल आपस में मिलकर काम करते हैं, लेकिन उनके बीच कुछ हद तक अलगाव बना रहता है, जबकि ओमनीचैनल मार्केटिंग सभी चैनल पर पूरी तरह इंटीग्रेटेड और एक साथ चलने वाला अनुभव तैयार करती है. मुख्य अंतर यह है कि ओमनीचैनल मार्केटिंग ज़्यादा बेहतर और पूरी तरह से यूनिफ़ाइड तरीक़ा ऑफ़र देती है, जहाँ सभी चैनल कोहेसिव सिस्टम की तरह काम करते हैं, जबकि क्रॉस-चैनल मार्केटिंग में चैनल के बीच हल्का-सा अंतर बना रहता है, लेकिन फिर भी वे आपस में मिलकर काम करते हैं.
आप क्रॉस-चैनल मार्केटिंग कैम्पेन कैसे बनाते हैं?
क्रॉस-चैनल मार्केटिंग कैम्पेन बनाने के लिए संगठनों को पहले कैम्पेन के साफ़ लक्ष्य तय करना, अपनी तय ऑडियंस का विश्लेषण करना और मेजरमेंट सिस्टम को इंटीग्रेट करना होगा. साथ ही, चुने गए सभी चैनल पर एक जैसी कॉन्टेंट की रणनीति तैयार करने से पहले, मार्केटिंग ऑटोमेशन टूल लागू किए जाते हैं और क्रॉस-चैनल एनालिटिक्स के आधार पर परफ़ॉर्मेंस को लगातार मॉनिटर और ऑप्टिमाइज़ किया जाता है.
रणनीति बनाना
रणनीति बनाने की प्रक्रिया, सफल क्रॉस-चैनल मार्केटिंग कैम्पेन की नींव बनाती है, क्योंकि इसमें कैम्पेन के स्पष्ट लक्ष्य और KPI तय किए जाते हैं, कस्टमर के विस्तृत पर्सोना बनाए जाते हैं, बेहतरीन नतीजे और मेजरमेंट के मानदंड तय किए जाते हैं और सभी पसंदीदा चैनल पर कस्टमर के व्यवहार की मैपिंग की जाती है, ताकि मार्केटिंग का तरीक़ा अच्छी तरह से एक-दूसरे से मेल खाए.
इस चरण के दौरान Amazon Ads की बियॉन्ड द बाय रिपोर्ट से मिली रिसर्च को ध्यान में रखें. इस रिसर्च में पाया गया है कि 54% कस्टमर मनोरंजक कॉन्टेंट से एंगेज करते समय ब्रैंड खोजते हैं और 50% कस्टमर मनोरंजन को अपने ख़रीदारी के अनुभव का हिस्सा मानते हैं.1 इसका मतलब यह है कि आपकी क्रॉस-चैनल रणनीति इस चीज़ पर आधारित होनी चाहिए कि कस्टमर मनोरंजन और ख़रीदारी के संदर्भ के बीच कैसे सहज तरीक़े से मूव करते हैं, ताकि दोनों माहौल में सही समय पर आपका ब्रैंड सामने आ सके.
चैनल प्लानिंग
चैनल प्लानिंग में अपनी ऑडियंस के लिए सबसे असरदार मार्केटिंग चैनल को रणनीतिक तरीक़े से चुनते हुए सभी टच पॉइंट पर कस्टमर इनसाइट को इंटीग्रेट करना, व्यापक मेजरमेंट टूल लागू करना शामिल है. इस चरण में कस्टमर की ख़रीदारी के सफ़र में हर चैनल की ख़ास भूमिका को सावधानी से तय करना और यह पक्का करना ज़रूरी होता है कि सभी सिस्टम आपस में असरदार तरीक़े से जुड़ सकें, ताकि सहज क्रॉस-चैनल अनुभव दिया जा सके.
ब्रैंडिंग और मैसेजिंग
यह चरण यूनिफ़ाइड मैसेजिंग रणनीति बनाने और सभी चैनल पर एक जैसी ब्रैंडिंग बनाए रखने पर फ़ोकस करता है. इसके साथ ही, मार्केटिंग ऑटोमेशन टूल लागू किए जाते हैं और ऑटोमेटेड कस्टमर की ख़रीदारी का सफ़र डिज़ाइन किया जाता है, ताकि सहज ब्रैंड अनुभव डिलीवर करना पक्का किया जा सके.
लॉन्च और लागू करना
लॉन्च चरण में ट्रिगर किए गए जवाब लागू और सहज क्रॉस-चैनल इंटीग्रेशन पक्का करते हुए चुने गए सभी चैनल पर कैम्पेन को सावधानी से रोल आउट किया जाता है. इस दौरान, शुरुआती कस्टमर एंगेजमेंट को क़रीब से मॉनिटर किया जाता है, ताकि ज़रूरत पड़ने पर ज़रूरी बदलाव किए जा सकें.
मेजरमेंट और ऑप्टिमाइज़ेशन
जब कैम्पेन लाइव हो, तो मार्केटिंग लीड को लगातार क्रॉस-चैनल मेट्रिक मापने चाहिए और परफ़ॉर्मेंस इनसाइट का विश्लेषण करना चाहिए, ताकि रियल-टाइम में ऐसे बदलाव किए जा सकें जो कैम्पेन के असर को बेहतर बनाएँ.
क्रॉस-चैनल मार्केटिंग की चुनौतियों का सामना करने का तरीक़ा
क्रॉस-चैनल मार्केटिंग से जुड़ी चुनौतियों को हल करने के लिए संगठनों को ऐसे यूनिफ़ाइड मेजरमेंट टच पॉइंट में निवेश करना चाहिए, जो प्राइवेसी कंप्लायंस बनाए रखते हुए सभी चैनल पर कस्टमर इंटरैक्शन का सही तरीक़े से विश्लेषण कर सकें. इसके अलावा, स्पष्ट एट्रीब्यूशन मॉडल लागू करना, यह पक्का करना कि सभी चैनल पर एक जैसा मैसेज डिलीवर हो और टेक्नोलॉजी और कस्टमर के व्यवहार में बदलाव को ध्यान में रखते हुए मेजरमेंट के तरीक़ों को नियमित रूप से अपडेट करना, इन चुनौतियों से निपटने के लिए ज़रूरी रणनीतियाँ हैं.
रणनीति और प्रोसेस के बीच तालमेल
रणनीति और प्रोसेस का तालमेल स्पष्ट उद्देश्य और एक जैसे मैसेजिंग फ़्रेमवर्क तैयार करता है. साथ ही, यह स्टैंडर्ड वर्कफ़्लो और चैनल कोऑर्डिनेशन प्रोटोकॉल तय करता है, ताकि यह पक्का किया जा सके कि टीम के सभी सदस्य अपनी ज़िम्मेदारियाँ समझें और सभी चैनल पर कोहेसिव तरीक़े के साथ काम करें.
यूनिफ़ाइड मेजरमेंट सिस्टम
यूनिफ़ाइड मेजरमेंट सिस्टम, डेटा साइलो से जुड़ी समस्या को हल करते हैं और यह भी पक्का करते हैं कि चुनी गई मार्केटिंग टेक्नोलॉजी सभी टच पॉइंट पर सही तरह से इंटीग्रेट हो और आपस में कम्पैटिबल रहे, ताकि सिग्नल का फ़्लो और विश्लेषण सहज तरीक़े से किया जा सके.
लगातार मॉनिटर और ऑप्टिमाइज़ करना
परफ़ॉर्मेंस मेट्रिक और इंटीग्रेशन से जुड़ी समस्याओं का लगातार विश्लेषण करने से इनसाइट-आधारित बदलाव करने और एट्रीब्यूशन मॉडल को अपडेट करने में मदद मिलती है. इसके साथ ही, असर बनाए रखने के लिए चैनल के तालमेल का लगातार मूल्यांकन किया जाता है और उसे बेहतर किया जाता है.
इन क्रॉस-चैनल मार्केटिंग से जुड़ी चुनौतियों को हल करने के लिए यूनिफ़ाइड तरीक़ा ज़रूरी है, जो सभी टच पॉइंट पर परफ़ॉर्मेंस को कनेक्ट करता है. Amazon Ads व्यापक मेजरमेंट सोल्यूशन ऑफ़र करता है, जो गोपनीयता-सुरक्षित फ़र्स्ट-पार्टी सिग्नल और बेहतर एट्रीब्यूशन क्षमताओं के ज़रिए एडवरटाइज़र को चैनल का असल योगदान समझने में मदद करता है. चौतरफ़ा मेजरमेंट को AI-पावर्ड मार्केटिंग ऑप्टिमाइज़ेशन के साथ जोड़कर, एडवरटाइज़र अलग-अलग मेट्रिक से आगे बढ़ सकते हैं और यह देख सकते हैं कि फ़ुल-फ़नेल मार्केटिंग रणनीति किस तरह आपस में मिलकर नतीजे लाती हैं. यह इंटीग्रेटेड नज़रिया डेटा साइल को ख़त्म करता है, ऑप्टिमाइज़ेशन के मौक़े सामने लाता है और ज़्यादा असरदार फ़ैसले लेने में मदद करता है, तकि सस्टेनेबल ग्रोथ को आगे बढ़ाया जा सके.
क्रॉस-चैनल मार्केटिंग के उदाहरण
केस स्टडी
Dove ने फ़ुल-फ़नेल कैम्पेन लॉन्च किया, जिसमें बॉडी इमेज से जुड़ी उन समस्याओं के बारे में बात की है, जो युवा महिलाओं को स्पोर्ट्स में भाग लेने से रोकती हैं. ब्रैंड ने रणनीतिक तौर पर थर्सडे नाइट फ़ुटबॉल के वाइल्ड कार्ड गेम के दौरान Prime Video ऐड को Streaming TV, डिस्प्ले ऐड, Fire TV स्क्रीनसेवर अनुभव और सुपर बाउल के बाद होमपेज टेकओवर के साथ जोड़ा. Amazon Ads के ऑडियंस इनसाइट का फ़ायदा उठाकर Dove ने कई चैनल पर मौजूदा और नए दोनों कस्टमर तक पहुँच बनाई. साथ ही, काइली केल्से और वीनस विलियम्स जैसी सांस्कृतिक रूप से सम्बंधित हस्तियों को शामिल करके अपने मिशन को प्रोडक्ट ऑफ़रिंग के साथ सच्चे तौर पर जोड़ने में कामयाबी पाई. इस कैम्पेन ने 140 मिलियन यूनीक कस्टमर तक पहुँच बनाई, जिसमें 35% एट्रीब्यूटेड ख़रीदारियाँ पहली बार ख़रीदने वाले कस्टमर से आई.
केस स्टडी
Revlon ने Horizon के साथ मिलकर Glimmer प्रोडक्ट लाइन लॉन्च की थी. ऐसा करने के लिए, उन्होंने व्यापक फ़ुल-फ़नेल रणनीति का इस्तेमाल किया, जिसमें Amazon Marketing Cloud, Amazon DSP, Prime Video और Streaming TV ऐड को Horizon Commerce के NEON AI-आधारित मेजरमेंट इंजन के साथ इंटीग्रेट किया गया. इस कैम्पेन में पारंपरिक डेमोग्राफ़िक्स की बजाय ख़रीद पर आधारित व्यवहार पर बनी ऑडियंस रणनीति पर फ़ोकस किया गया. इसमें, ब्रैंड में नए हाई-वैल्यू कस्टमर, कार्ट में प्रोडक्ट छोड़ने वाले कस्टमर और स्पॉन्सर्ड प्रोडक्ट कीवर्ड से एंगेज होने वाले जैसे कस्टम सेगमेंट तैयार किए गए. मुख्य रिटेल मोमेंट के दौरान रियल-टाइम ऑप्टिमाइज़ेशन ने इस बात का फ़ायदा उठाया गया कि Prime Video और सर्च दोनों के संपर्क में आए व्यूअर ने 24 गुना ज़्यादा ख़रीदारी रेट दिखाया. इस लॉन्च ने पूर्वानुमान से 120% बेहतर परफ़ॉर्म किया और बिक्री में 170% ज़्यादा बढ़त दिखाई.
केस स्टडी
Haleon ने Amazon Ads के अलग-अलग फ़ॉर्मेट जैसे Prime Video ऐड, ऑनलाइन वीडियो ऐड, डिस्प्ले ऐड और स्पॉन्सर्ड ऐड का इस्तेमाल करके व्यापक मल्टी-चैनल रणनीति बनाई, ताकि फ़ुल फ़नेल में कस्टमर तक पहुँचा जा सके. इस ग्लोबल कंज़्यूमर हेल्थकेयर कंपनी ने अलग-अलग क्षेत्र के हिसाब से स्टडी की, ताकि अलग-अलग ब्रैंड और भौगोलिक लोकेशन में ओमनीचैनल परफ़ॉर्मेंस मेट्रिक्स को मापा जा सके. साथ ही, इन्होंने एडवरटाइज़िंग फ़ॉर्मेट के अलग-अलग कॉम्बिनेशन को टेस्ट किया गया, ताकि उनके पूरे असर को समझा जा सके. 3-4 ऐड फ़ॉर्मेट का इस्तेमाल करने वाले कैम्पेन ने, सिर्फ़ 1-2 फ़ॉर्मेट इस्तेमाल करने वाले कैम्पेन की तुलना में 10 गुना ज़्यादा पेज व्यू जनरेट किए. Haleon और Amazon Ads ने इन सीख को ग्लोबल प्लेबुक में शामिल किया. इससे, सिंगल उद्देश्य वाले तरीक़ों की तुलना में फ़ुल-फ़नेल कैम्पेन के लिए इनवेस्टमेंट पर फ़ायदे में 153% सुधार हुआ और ऑफ़लाइन बिक्री में 10% की बढ़त देखी गई.

Amazon Ads के ज़रिए उपलब्ध चैनल
ब्रैंड Amazon Ads के ज़रिए कई तरह के चैनल और सोल्यूशन का ऐक्सेस लेकर क्रॉस-चैनल मार्केटिंग रणनीति तैयार कर सकते हैं, जिसका मक़सद कस्टमर तक वहाँ पहुँचना है, जहाँ वे मौजूद हों.
Prime Video पर प्रीमियम फ़िल्मों और टीवी शो के साथ ऐड के ज़रिए एंगेज हुई ऑडियंस तक पहुँचें.
ब्रैंड के बढ़ते मार्केटिंग चैनल, Prime Video पर लाइव स्पोर्टिंग इवेंट के दौरान जोशीले प्रशंसकों से जुड़ें.
Twitch पर जीवंत और इंटरैक्टिव समुदाय के साथ एंगेज हों, जो गेमिंग, मनोरंजन और बहुत कुछ के लिए लाइव स्ट्रीमिंग सर्विस है.
फ़िल्म, टीवी और सेलिब्रिटी कॉन्टेंट के लिए दुनिया के सबसे लोकप्रिय और आधिकारिक सोर्स पर एडवरटाइज़ करें.
Amazon Music के मुफ़्त ऐड-सपोर्टेड टियर पर और Alexa-ऐक्टिवेट किए गए डिवाइसों के ज़रिए सुनने वालों तक पहुँचने के लिए ऑडियो ऐड का इस्तेमाल करें.
प्रीमियम थर्ड-पार्टी पब्लिशर और Streaming TV ऐप के सभी नेटवर्क पर अपनी पहुँच बढ़ाएँ.
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
अगर आपके पास कम अनुभव है, तो Amazon Ads की ओर से मैनेज की जाने वाली सर्विस का अनुरोध करने के लिए हमसे संपर्क करें. कम से कम बजट अप्लाई होता है.
सोर्स
1 Amazon Ads की Strat7 Crowd.DNA. Beyond the Buy के साथ मिलकर की गई कस्टम रिसर्च. मार्च 2025 से जुलाई 2025 तक किया गया. डेटा AU, BR, CA, DE, ES, FR, IT, JP, MX, U.K. और U.S. को एक साथ दिखाता है. संख्या=14,000.