एडवरटाइज़िंग के बारे में: इनोवेशन, इन्क्लूज़न, और कस्टमर के अनुभव पर विचार

21 दिसंबर, 2020

अकामा डेविस द्वारा

अकामा डेविस Xaxis में ग्लोबल सॉल्यूशंस एंड इनोवेशन के डायरेक्टर हैं. यह GroupM और WPP का एक हिस्सा है, जहां वे मल्टीचैनल प्रोग्रामेटिक सोल्यूशन के माध्यम से आउटकम-ड्रिवन मीडिया डिलीवर करने में माहिर हैं. वे डायवर्सिटी, इक्विटी और इन्क्लूज़न कंसल्टेंट, We Are Stripes के को-फाउंडर भी हैं.

मैं लंदन में रहता हूं, लेकिन मैं दुनिया भर की कंपनियों के साथ काम करता हूं, जिससे डिजिटल मीडिया को बिज़नेस नतीजों में बदलने में मदद मिलती है. हम सभी जानते हैं कि इस साल हर एडवरटाइज़र, चुनौतियों को नए तरीकों से देखने के लिए मजबूर हुआ है. अपने काम में, जिसमें Amazon Ads के ज़रिए ब्रैंड को बढ़ने में मदद करना शामिल है, मैंने पाया है कि इनोवेश, इन्क्लूज़न और कस्टमर-सेंट्रिक अप्रोच के बीच एक आंतरिक तालमेल है.

हालांकि इनोवेश, इन्क्लूज़न और कस्टमर-सेंट्रिक अप्रोच अलग-अलग बातें लग सकती हैं, लेकिन साथ में यह एक मज़बूत सायकल है.

जब आपके पास इनमें से दो होते हैं - तो स्वाभाविक रूप से तीसरा अपने-आप मिल जाता है. उदाहरण के लिए, अगर आपका ब्रैंड इनोवेटिव और कस्टमर-सेंट्रिक है, तो मेरा मानना

है कि यह स्वाभाविक रूप से इन्क्लूसिव होगा. अगर आपका ब्रैंड इन्क्लूसिव और इनोवेटिव है, तो मुझे कोई शक नहीं है कि यह कस्टमर-सेंट्रिक भी होगा. इन्क्लूसिव अप्रोच, इनोवेशन की ओर ले जाती है. ये सभी आपस में जुड़े हुए हैं.

नतीजतन, मैं जिन ब्रैंड को आगे आने वाले दिनों में विकास के लिए सबसे अच्छी स्थिति में देखता हूं, वे ऐसे ब्रैंड हैं जो इस ताकत को पहचानते हैं और इसका इस्तेमाल करते हैं.

तो आज, यह समझने के साथ शुरू होता है कि कुछ ही समय में हमारे सभी कस्टमर बदल गए हैं और आगे भी ऐसा होगा.

सबूत आधारित यानी कि एविडेंस के आधार पर तय की गई अप्रोच के साथ कस्टमर-सेंट्रिक बनना

तकनीकी प्रगति लगातार कंज़्यूमर व्यवहार और अपेक्षाओं को बदल रही है. कंज़्यूमर को एंगेज करने के लिए, चैनलों की संख्या तेज़ी से बढ़ी है और खरीदारी के विकल्प लगातार बढ़ रहे हैं. कम शब्दों में, खरीदारी फ़नल एक खरीदारी भूलभुलैया बन गया है और कंज़्यूमर की खरीदारी का सफ़र पहले से कहीं ज़्यादा जटिल हो गया है.

इस जटिलता को समझने के लिए और अपने बिज़नेस को बढ़ाना जारी रखने के लिए, हमें मौजूदा संदर्भ और कस्टमर की जरूरतों को समझने की ज़रूरत है. इसके लिए,डेटा से चलने वाले एक एविडेंस-बेस्ड अप्रोच का इस्तेमाल करना ज़रूरी है.

हम उन कई मेथड और मेट्रिक पर भरोसा नहीं कर सकते हैं जिनका हमने अभी एक साल पहले भी इस्तेमाल किया था. बहुत सारे पहले से ही पुराने हैं. यही वजह है कि कई बिज़नेस ने प्रोग्रामेटिक एडवरटाइज़िंग की ओर रुख किया है. यह मार्केटिंग को ज़्यादा कुशल और जवाबदेह बनाने के लिए, डेटा साइंस और AI के साथ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने का एक तरीका है, ताकि आप उन उद्देश्यों के लिए खर्च किए गए हर मीडिया डॉलर के असर को माप सकें और समझ सकें. हालांकि, यह एडवरटाइज़र को इनोवेशन के मौके भी देता है.

प्रोग्रामेटिक के साथ इनोवेशन करना

ज़्यादातर इनोवेशन चीज़ों को बार-बार दोहराने के बारे में है. अचानक छोटे-छोटे बदलाव के बजाय, यह आम तौर पर किसी मौजूदा प्रणाली में एडेप्टेशन या विकास करने के बारे में है, जो समय के साथ एक बड़े बदलाव की ओर ले जाता है.

प्रोग्रामेटिक, एक ब्रैंड के एडवरटाइज़िंग नज़रिए से, कंपनियों को असरदार तरीकों से एडेप्ट करने में मदद कर सकता है. यह चैनलों को एक दूसरे के साथ आसानी से इंटिग्रेट करने में मदद करता है. इसलिए, अगर आपकी रणनीति या क्रिएटिव अब काम नहीं कर रहा है, तो आप इसका इस्तेमाल अपने अन्य लोगों के साथ एक नई स्ट्रेटेजी, रणनीति या सोल्यूशन को शामिल करने के लिए कर सकते हैं, ताकि रियल टाइम में ऐसे नतीजे पाते हुए कुछ जोखिम को खत्म करने की कोशिश की जा सके जो आप पाना चाहते हैं.

यह फ़्लेक्सिबिलिटी एडवरटाइज़र को अपने क्रिएटिव और मैसेज को जल्दी से एडेप्ट करने में मदद करती है और वह भी बिना किसी प्रोसेस को छोड़े बिना. यह खासतौर पर, महामारी के कारण तेज़ी से आए बदलाव के बीच अहम रहा है. मेरी राय में क्रिएटिव को ऑडियंस के लिए काम का और इस्तेमाल किए जाने से संबंधित बनाने के लिए खास तौर पर पहले से ज़्यादा मेहनत करनी चाहिए. वह भी मीडिया के लैंडस्केप को ध्यान में रखते हुए.

मीडिया का जटिल परिदृश्य, मार्केटिंग में इन्क्लूसिविटी की अहमियत को हाइलाइट करता है.

अपनी मार्केटिंग रणनीति का एक इन्क्लूसिव दृष्टिकोण विकसित करें

जिन कंपनियों के पास इन्क्लूसिव अप्रोच होता है उनके नज़रिए का दायरा बड़ा होता है. इससे उन्हें जटिल चुनौतियो को देखने में मदद मिलती है और इस तरह वे काम के सोल्यूशन ढूंढ पाते हैं. कंज़्यूमर की अगुवाई वाले बिज़नेस में आवाज का एक बड़ा दायरा सुनने से आपको कस्टमर को समझने, उनके प्रति सहानुभूति रखने और उनसे बातचीत करके जानकारी देने में मदद मिलती है. और जैसा कि मैंने कहा है, मुझे नहीं लगता कि आप इन्क्लूसिव हुए बगैर, सच में कस्टमर-सेंट्रिक और इनोवेटिव हो सकते हैं.

आज, हमारे पास अपने कस्टमर और उनकी ज़रूरतों को समझने के लिए बेहतर टूल हैं साथ ही, इनकी मदद से हम यह भी जान सकते हैं कि कस्टमर की खरीदारी पसंद किस तरह बदल रही हैं. ज़्यादा इनसाइट की मदद से, हमारे पास अपने कस्टमर के अनुभव को कई मायनों में बेहतर करने के मौके आए हैं.

मेरे लिए, एविडेंस-बेस्ड, कस्टमर-सेंट्रिक अप्रोच को अपनाते हए, कुछ पहले से बनाई गई धारणाओं को तोड़ना शामिल है. जैसे कि हम मार्केटिंग को लेकर हमारी पहले की सोच.

उदाहरण के लिए, याद करें कि किस तरह लोअर-फ़नल परफ़ॉर्मेंस मार्केटिंग और अपर-फ़नल ब्रैंड मार्केटिंग के बीच एक डाइकाटमी हुआ करती थी. उसमें परफ़ॉर्मेंस को 'रेस-टू-द-बॉटम' के रूप में देखा जाता था और ब्रैंड मार्केटिंग को 'फ़्लफ़ी' के रूप में देखा जाता था?
उस समय फ़र्क बहुत कम समझ में आता था और अब उससे भी इतना कम कि लगभग हर तरह के मीडिया का डिजिटल रूप से इस्तेमाल किया जाता है. अब यह साफ़ है कि हमें अपने सभी एडवरटाइज़िंग सोल्यूशन को एक साथ मिला कर काम करने की ज़रूरत है और यह एक या दूसरे का सवाल नहीं है - यह सब कुछ एक साथ करने के बारे में है, क्योंकि इन मार्केटिंग पिलर को पाटने से कंज़्यूमर को एंगेज करने के लिए, एक ज़्यादा इन्क्लूसिव रणनीति ऐक्टिवेट होती है.

आपकी ब्रैंड ऐक्टिविटी और एक मज़बूत ब्रैंड मौजूदगी वह चीज हो सकती है जो आपके बिज़नेस को बचाए रखती है, क्योंकि लोग जो जानते हैं और जिस पर भरोसा करते हैं, उसके साथ जाना चाहते हैं, खास कर जब उनके पास सीमित डिस्पोजे़बल फंड हों. लेकिन ब्रैंड मार्केटिंग को मज़बूत और जवाबदेह मेट्रिक की ज़रूरत है. चौतरफ़ा मेजरमेंट को लागू करते हुए, इनसाइट का इस्तेमाल करने से आपकी ब्रैंड बनाने की गतिविधि ज़्यादा मापने योग्य, जवाबदेह, और इंटीग्रेटेड हो सकती है.

हालांकि, स्ट्रेटेजी और रणनीतियों का पालन करना ज़रूरी था, लेकिन अब इसे नकारा नहीं जा सकता है. इसलिए, वैश्विक स्तर पर ये समय जितना चुनौतियों से भरा रहा है, मेरा एक नज़रिया सकरात्मक चीज़ें देख रहा था. वह था ब्रैंड का आज की बड़ी चुनौतियों का जवाब देना और इतनी जल्दी विकसित होना. अपने कस्टमर को टॉप ऑफ़ माइंड रखते हए, ब्रैंड इनोवेट हो रहे हैं. साथ ही, बड़े दायरे में पहुंच बना रहे हैं. इसे देखते हुए मुझे पूरा विश्वास है कि कंपनियां इस साल और आने वाले कई सालों में शानदार सफ़लता हासिल करेंगे.