ब्रैंड कस्टमर का विश्वास किस तरह जीत सकते हैं और मजब़ूत रिलेशन किस तरह बना सकते हैं, इस पर dentsu की रणनीतियां
22 नवंबर, 2022 | ज़रीन इमाम, सीनियर कॉन्टेंट और एडिटोरियल मैनेजर की कलम से

यह ब्लॉग पोस्ट Amazon Ads की सालाना unBoxed कॉन्फ़्रेंस के हमारे कवरेज का हिस्सा है. 2022 की कॉन्फ़्रेंस में, एडवरटाइज़िंग लीडर हमारे सबसे नए प्रोडक्ट को देखने और अपने कस्टमर के लिए ब्रैंड की ओर से नई चीज़ें बनाने के तरीकों पर बातचीत करने के लिए इकट्ठा हुए थे.
क्या आप इवेंट में हिस्सा नहीं ले पाए? unBoxed 2022 में हुई और भी चीज़ें एक्सप्लोर करें.
जैसे-जैसे ऑडियंस का बंटना जारी रहता है, ब्रैंड को न सिर्फ़ नए कंज़्यूमर तक पहुंचने के बारे में सोचना पड़ता है, बल्कि यह भी सोचना पड़ता है कि कस्टमर के टॉप ऑफ़ माइंड बने रहने के लिए उनके साथ मज़बूत कनेक्शन किस तरह बनाए जाएं.
हमने 25 से 27 अक्टूबर तक न्यूयॉर्क शहर के जैकब जेविट्स सेंटर में आयोजित Amazon Ads की सालाना कॉन्फ़्रेंस, unBoxed 2022 के दौरान dentsu में ई-कॉमर्स स्ट्रैटेजी में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट कविता करियापा के साथ बातचीत की. अपनी भूमिका के हिसाब से, वह dentsu के क्लाइंट को इस बारे में सलाह देती हैं कि मीडिया और बिक्री चैनलों पर रिटेलर और मालिकाना साइटों पर अपनी डिजिटल परफ़ॉर्मेंस को सबसे बेहतर तरीके से किस तरह ऑप्टिमाइज़ किया जाए.
बातचीत के दौरान, करियापा ने शेयर किया कि ऐड इंडस्ट्री में बदलाव के बीच और अर्थव्यवस्था की अनिश्चितता के समय में ब्रैंड किस तरह आगे बढ़ सकते हैं और फल-फूल सकते हैं. साथ ही, मार्केटिंग रणनीतियों के ज़रिए किस तरह अपने कस्टमर के साथ मजब़ूत रिलेशन भी बना सकते हैं.
ब्रैंड के लिए ऑडियंस तक पहुंचना किस तरह बदल गया है?
पिछले कुछ सालों में एड्रेसेबिलिटी में काफ़ी बढ़ोतरी हुई है. dentsu में हमारी रणनीति, व्यवहार से जुड़े सिग्नल की जगह अब ऑडियंस-आधारित अप्रोच में बदल गई है. और हम अपने एंड-टू-एंड कंज़्यूमर के सफ़र के दौरान, प्लानिंग, कम्यूनिकेशन और ऐक्टिवेशन के बारे में अपडेट रहने के लिए, फ़र्स्ट-पार्टी रिटेलर ऑडियंस टूल के साथ-साथ, dentsu के प्रोपाइटरी ऑडियंस बिल्डिंग टूल M1 का इस्तेमाल करते हैं.
ऑडियंस के बंटने के इस दौर में, ब्रैंड ऑडियंस के साथ बेहतर तरीके से किस तरह जुड़ सकते हैं?
ब्रैंड को नए मीडिया नेटवर्क, चैनल और रिटेल स्थितियों में हो रहे बदलाव के हिसाब से खुद को बदलना चाहिए. सबसे अहम बात है इन ऑडियंस की बारीकियों और रिटेलर के हिसाब से उनकी प्रेरणाओं को समझना और उस रिटेलर के कंज़्यूमर को सही वातावरण में सही मैसेजिंग और एक्सपीरिएंस देना. ब्रैंड इन पार्टनरशिप के ज़रिए सिर्फ़ मीडिया पर भरोसा नहीं कर सकते, बल्कि उन्हें यह भी पक्का करना चाहिए कि उनके ब्रैंड की मौजूदगी, हर कॉन्टेंट और मालिकाना एसेट पर कस्टमर के हिसाब से हो.
ब्रैंड अपने कस्टमर के साथ मज़बूत रिलेशन किस तरह बना सकते हैं?
रिलेशन बनाने का पहला स्टेप, कस्टमर को सुनने से शुरू होता है—इसका मतलब सिर्फ़ एक साख बनाना नहीं, बल्कि भरोसा और लंबे समय की विश्वसनीयता बनाना भी होता है. ऑनलाइन रिटेल में, कस्टमर का फ़ीडबैक बहुत अहम होता है और कस्टमर रिव्यू के लिए रणनीति बनाना अहम है. इन रिव्यू से कई तरह के ऑप्टिमाइज़ेशन की जानकारी मिल सकती है, जिसमें कॉन्टेंट अपडेट से लेकर अयोग्य ऑडियंस तक, प्रोडक्ट अपडेट के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट शामिल हैं.
आज के दौर में ब्रैंड के आगे बढ़ने में सबसे अहम चुनौती क्या है?
पहले से कहीं ज़्यादा, इन्वेंट्री और मार्केटिंग टीमों को, परफ़ॉर्मेंस की रियल उम्मीदें देने के लिए, पूर्वानुमान से जुड़ी चुनौतियों और प्रोडक्ट की उपलब्धता पर बातचीत करनी चाहिए और एक जैसी सोच बनानी चाहिए. कस्टमर से सीधे एंगेज करने के और सामान्य तरीके, ब्रैंड के सामने फिर से एक नया आकार लेना है.
डिजिटल मार्केटिंग में उतरने वाले ब्रैंड के लिए आपकी क्या सलाह है?
मेजरमेंट फ़्रेमवर्क तैयार करना और लंबी अवधि के लक्ष्यों के आधार पर रणनीति बनाना अहम है क्योंकि ग्रोथ के लिए निवेश की ज़रूरत होती है. ब्रैंड के लिए, ऐड पर खर्च से हुआ फ़ायदा (ROAS) और बिक्री, अकेला प्रमुख परफ़ॉर्मेंस इंडिकेटर (KPI) नहीं हैं. यह मापना अहम है कि कस्टमर अपने खरीदारी के सफ़र के दौरान ब्रैंडेड कॉन्टेंट के साथ किस तरह इंटरैक्ट कर रहे हैं और उससे किस तरह एंगेज हो रहे हैं.
इस बारे में कोई सलाह दें कि आर्थिक अनिश्चितता के दौर में ब्रैंड किस तरह से आगे बढ़ सकते हैं और अपने कस्टमर को सर्विस दे सकते हैं?
ब्रैंड को मैसेजिंग में कंसिस्टेंसी और वैल्यू देना चाहिए और अहम समय अवधि के दौरान सिर्फ़ डील और प्रमोशन के बारे में बात नहीं करनी चाहिए. मीडिया में हमेशा चालू रहना एक अंडरस्टेटमेंट है, क्योंकि कस्टमर जहां कहीं भी होते हैं, डिजिटल चैनलों से लगातार जुड़े रहते हैं.
मीडिया और मैसेजिंग के साथ, एडेप्ट करने लायक और फ़्लेक्सिबल होना अहम है और जब आर्थिक अनिश्चितता की बात आती है, तो फुर्तीला होना भी अहम है. रिटेल मीडिया के सामने आने के साथ, हमारे पास हर डॉलर की वैल्यू साबित करने का बेहतर अवसर है. इसलिए, रिटेल मीडिया जैसे क्षेत्र शुरू करने के लिए एक शानदार जगह हैं, क्योंकि हम डिजिटल मीडिया गतिविधि को असल बिज़ेनस रिज़ल्ट के लिए ट्रैक कर सकते हैं.
एडवरटाइज़िंग के भविष्य को लेकर आपको कौन सी बात उत्साहित करती है?
मैं इंडस्ट्री में आने वाले नए एडवरटाइज़िंग टैलेंट के भविष्य के बारे में बहुत उत्साहित हूं और किस तरह वे एजेंसी और ब्रैंड के काम करने के तरीके को बदल देंगे. उदाहरण के लिए, Gen Z वयस्क एक डिजिटल-फ़र्स्ट दुनिया में पले-बढ़े हैं और उनके पास वर्कफ़ोर्स में आने से पहले ही घरेलू मार्केटिंग का अनुभव है. मुझे लगता है कि हम सभी को उनसे बहुत कुछ सीखना है.