VML में इन्क्लूसिव डिज़ाइन के ग्लोबल हेड जोश लोबनेर रणनीतिक प्लानिंग और क्रिएटिव सोच के साथ काम करते हैं, ताकि यह दिखाया जा सके कि ऐक्सेसिबिलिटी एडवरटाइज़िंग में क्रिएटिविटी का गेटवे हो सकती है

जोश लोबनेर ने बताया कि स्मार्ट डिवाइस से लेकर इन्क्लूसिव एडवरटाइज़िंग तक, ब्रैंड दुनिया को कैसे ऐक्सेसिबल बना सकते हैं

20 मार्च 2024 | लेखक: मैट मिलर, सीनियर कॉपीराइटर

“Alexa, मैंने क्या पकड़ा हुआ है?” जोश लोबनेर ने अपनी किचन में Echo Show 10 से पूछा. डिवाइस पहचानकर बताता है कि यह कलामाता जैतून का जार है. लिविंग रूम में, वह और उसकी पत्नी आराम से बैठकर टीवी देख रहे हैं. उसने Fire Cube रिमोट को बोला, “Alexa, द मार्वलस मिसेज़ मैसेल चलाओ.” स्ट्रीमिंग डिवाइस जाना-माना शो चलाता है और स्क्रीन पर क्या हो रहा है, यह बताने के लिए ऑडियो डिस्क्रिप्शन का इस्तेमाल करता है: “मिज सोफे पर फिसल जाता है.”

WPP कंपनी VML में इन्क्लूसिव डिज़ाइन के ग्लोबल हेड, लोबनेर नेत्रहीन हैं और किसी की मदद न लेने के लिए, लोगों की बीच Alexa एनेबल्ड डिवाइस का इस्तेमाल करते हैं. उन्हें सफ़र करना और नई डेस्टिनेशन को एक्स्प्लोर करना, परिवार के साथ खाना बनाना और गर्मियों में तैरना पसंद है.

लोबनेर ख़ुद को जिज्ञासु व्यक्ति बताते हैं. वह समस्या को हल करते हैं. अपने पूरे जीवन में, उन्होंने तकनीक में सुधार होते हुए देखा है - टेप पर किताबों से लेकर कंप्यूटर और कनेक्टेड डिवाइस तक. इससे, उन्हें जिज्ञासा को शांत करने, अपनी शिक्षा जारी रखने और रोज़मर्रा की चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलती है. हाल ही में, Amazon डिवाइस ने उन्हें काम करने, दुनिया को नेविगेट करने और अपने शौक का आनंद लेने में मदद की है. उदाहरण के लिए, Blink doorbell से लोबनेर को पता चलता है कि परिवार के सदस्यों को पैकेज कब डिलीवर किए जा रहे हैं और दरवाजे पर कौन है. लोबनेर बताते हैं कि घड़ी को पढ़ना कितना मुश्किल हो सकता है - यहाँ तक कि बड़े प्रिंट वाली डिजिटल दीवार घड़ी के साथ भी. घड़ी में समय देखने के लिए, आँखों को थोड़ा बंद करना होगा या उसके बहुत पास जाना होगा. Alexa की मदद से वह डिवाइस से समय पूछ सकता है.

Alexa उसके खाना पकाने के शौक को पूरा करने में भी मदद करती है. Alexa रेसिपी सुनने, ग्रोसरी लिस्ट बनाने, टाइमर सेट करने, माइक्रोवेव को कंट्रोल करने जैसे और काम करने में उनकी मदद करती है.

“किचन मेरे लिए ज़रूरी जगह है. लोबनेर ने कहा, “Alexa डिवाइस असल में किचन में पॉज़िटिव अनुभव का हिस्सा है.” “किचन में बिना किसी की मदद से काम करने से मुझे सफल महसूस होता है.”

लोबनेर पहले से जानते हैं कि विकलांग लोगों के लिए जीवन को ज़्यादा आसान और इन्क्लूसिव बनाना ब्रैंड के लिए कितना ज़रूरी है. वे कहते हैं, “कभी-कभी हम सेगमेंटेड, अलग और अन्य तरह के व्यक्ति जैसा महसूस करते हैं, क्योंकि ऐसी कुछ चीज़ें हैं जो कई सारे अन्य लोगों के लिए आसान लग सकती हैं, पर विकलांग लोगों के लिए नहीं हैं. उनके लिए, वे बाधाएँ और चुनौतियाँ पैदा कर सकती हैं.”

ब्रैंड ज़्यादा इन्क्लूसिव कैसे हो सकते हैं

विकलांगता और ऐक्सेसबिलिटी सिर्फ़ लोबनेर के निजी जीवन का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि वे उनके पेशेवर जीवन का भी हिस्सा हैं. शुरुआत में, उन्होंने महसूस किया कि विकलांगता और ऐक्सेसबिलिटी को हमेशा ऐड कैम्पेन और मार्केटिंग में केंद्रीय बिंदु नहीं माना जाता था. उन्होंने विशेष रूप से विकलांगता इन्क्लूसन के साथ-साथ एडवरटाइज़िंग में ऐक्सेसबिलिटी पर केंद्रित Ph.D. पूरी की. इन्क्लूसिव डिज़ाइन के ग्लोबल हेड के तौर पर, अब उन्होंने रणनीतिक प्लानिंग और क्रिएटिव सोच के साथ काम किया, ताकि यह दिखाया जा सके कि ऐक्सेसिबिलिटी एडवरटाइज़िंग में क्रिएटिविटी का गेटवे हो सकती है. ऐसा ऑन-स्क्रीन और कैमरे के पीछे बेहतर तरीक़े से दिखाकर किया जा सकता है, जैसे कि कंपनियों में विकलांग लोगों को नौकरी देना. साथ ही, ऐसी नई सोच के साथ कैम्पेन बनाना, जो सभी के लिए ज़्यादा ऐक्सेसिबल और इन्क्लूसिव हो.

लोबनेर कहते हैं, “मेरी सोच से ख़ासतौर पर, विकलांग पेशेवर के रूप में ज़्यादा ऐक्सेसिबिलिटी लाने, विकलांगता को शामिल करने और एडवरटाइज़िंग में इन चीज़ों को दिखाकर फ़ोकस करते हुए, समाज विकलांग लोगों के बारे में कैसे सोचता है इसे असलियत में बदलना है.”

उन्होंने बताया, जब विकलांग लोगों को समान और असल तरीक़े से स्क्रीन पर दिखाने की बात आती है, तो मीडिया इसे कम दिखाती है. स्ट्रीमिंग, टैबलेट, टेलीविज़न वग़ैरह में विकलांग लोगों की कहानियों को बिना किसी बनावट के दिखाने के लिए, एडवरटाइज़िंग मज़बूत जगह हो सकती है.

उन्होंने बताया, “उदाहरण के लिए, हर दिन, मैं विकलांग हूँ और मेरी पत्नी और बच्चे विकलांग नहीं हैं, लेकिन हम इस तरह से जुड़े हैं जो असल से हमारे लिए काम करता है. साथ ही, ये ऐसी चीजें हैं जिन्हें हम स्क्रीन पर दिखाना चाहते हैं, जीवन के वे ख़ास टुकड़े जो विकलांग लोगों के हर दिन का हिस्सा होते हैं.” “जब मैं देखता हूँ कि मीडिया में विकलांग लोगों को दिखाया जा रहा है, तो मैं महसूस करता हूँ कि अन्य लोगों को यह आसानी से समझ आता है. वे जानते हैं कि विकलांग लोग हमारे समाज का ज़रूरी हिस्सा हैं. उन्हें स्क्रीन पर दिखाने से मुझे पता चलता है कि लोग सुन रहे हैं, कार्रवाई कर रहे हैं और लोग असलियत में उनका स्वागत कर रहे हैं.”

एडवरटाइज़िंग के बारे में लोबनेर कहते हैं, “यह ऐसी जगह में से एक है, जहाँ हम कहानियाँ सुना सकते हैं, असल तरीक़े से एडवरटाइज़िंग के ज़रिए विकलांग लोगों को लिविंग रूम में उनकी ज़िंदगी को आसान बनाकर दिखा सकते हैं. इसे, वे अपने टेलीविज़न, स्ट्रीमिंग डिवाइस और कई तरीक़ों से देख सकते हैं.”

ज़्यादा विकलांगता दिखाने के साथ एडवरटाइज़िंग बनाने के लिए, लोबनेर का कहना है कि ब्रैंड विकलांग लोगों को असल में स्क्रीन पर दिखा सकते हैं. लोबनेर के अनुसार, ऐसा करने का एक तरीक़ा यह पक्का करना है कि पूरी क्रिएटिव प्रक्रिया के दौरान, विकलांग लोग अपनी बात कहें, ताकि यह पक्का किया जा सके कि कैम्पेन उनका अच्छे से स्वागत कर रहा है. Amazon Ads 2023 हायर इम्पैक्ट सर्वे के अनुसार, 68% ग्लोबल कंज़्यूमर का कहना है कि वे एडवरटाइज़िंग में और विविधता देखना चाहते हैं.

जबकि मीडिया मार्केटिंग फ़नल के टॉप में समुदाय को एंगेज कर सकती है, लोबनेर कहते हैं कि ब्रैंड को कस्टमर के ख़रीदारी के बड़े सफ़र में दिमाग से काम लेना चाहिए. ब्रैंड ऐक्सेसिबल, क्यूरेट की गई पैकेजिंग, ऐप, ईमेल मार्केटिंग, टेक्स्टिंग और अन्य तरीक़ों से डिजिटल शेल्फ़ पर कंज़्यूमर को एंगेज करने के बारे में सोच सकते हैं. लोबनेर के अनुसार, दुनिया भर में विकलांग लोगों की डिस्पोजेबल आय $13 ट्रिलियन हैं और “हम उन ब्रैंड से जुड़े रहना चाहते हैं और उन ब्रैंड पर पैसे ख़र्च करना चाहते हैं जो विकलांगता का स्वागत करते हैं.”

व्यापक स्केल पर कार्रवाई करना

उन्होंने कहा कि मीडिया में दिखाने के अलावा, मार्केटर को पॉलिसी में बदलाव करके, वकालत, कंपनी में विकलांग लोगों को शामिल करके और चल रही कमिटमेंट के साथ ऐक्सेससबिलिटी को प्राथमिकता देनी चाहिए. इसका मतलब यह है कि कंपनियाँ विकलांग लोगों को नौकरी सकती हैं. साथ ही, मार्केटिंग और एडवरटाइज़िंग टीम में ऐसे जॉब टाइटल दे सकती हैं जो विकलांगता और इन्क्लूसन पर आधारित होते हैं.

उदाहरण के लिए, लोबनेर बताते हैं कि ऐड में ऑडियो डिस्क्रिप्शन शामिल हो सकते हैं, ताकि नेत्रहीन या कम दृष्टि वाले लोग सुन सकें कि क्या हो रहा है. कैप्शन देने से ऐसे लोग, जो बहरे या सुनने में मुश्किल होती है, जिनमें गैर-विकलांग व्यूअर भी शामिल हैं, वे यह पढ़ सकते हैं कि किसी सीन में क्या हो रहा है. वे कहते हैं, “इन्क्लूसिविति वास्तव में पूरी तरीक़े यह दिखाती है कि टेबल पर बैठा हर व्यक्ति बातचीत का हिस्सा है, चाहे वे विकलांग हो या नहीं हो.

लोबनेर कहते हैं कि विकलांग लोगों के लिए, एडवरटाइज़िंग बदलाव के मक़सद से शक्तिशाली टूल हो सकता है.

वे कहते हैं, “ब्रैंड की यह ज़िम्मेदारी है कि वे इन्क्लूसिव कैम्पेन बनाएँ.” “ब्रैंड के पास अब समाज में ज़रूरी बदलाव लाने के मौक़े हैं.”

चाहे वह विकलांग लोगों को नई तकनीक का इस्तेमाल करके किचन में नेविगेट करने में मदद करना हो या मैसेजिंग को ज़्यादा ऐक्सेसिबल और इन्क्लूसिव तरीक़े से बनाना हो, ब्रैंड जिस तरह से कंज़्यूमर से बात करते हैं उसे बेहतर करने के लिए कुछ स्टेप ले सकते हैं.

लोबनेर कहते हैं, “मैंने अपने जीवनकाल में यह देखा कि तकनीकी सोच और कॉर्पोरेट को लेकर सोच में क्या एडवांस हुआ. उन्होंने बताया, “चाहे हम Amazon चौतरफ़ा के बारे में बात कर रहे हों या Alexa डिवाइस के बारे में, मार्केटिंग में उनके डिवाइस में ऐक्सेसिबिलिटी और विकलांगता इन्क्लूसन के लिए फ़ोकस बनी, यह बहुत ही अद्भुत है.”

“यह अहम और ज़रूरी है.”