ग्लोबल, डाइवर्स स्टोरीटेलिंग की मदद से कहानी बदलना

20 अगस्त 2021 | लेखक: डोरा वैंग, मार्केटिंग मैनेजर

क्या स्टोरीटेलिंग से दुनिया बदल सकती है?

कान्स लायंस इंटरनेशनल फ़ेस्टिवल ऑफ़ क्रिएटिविटी 2021 में, एंजेलिक जैक्सन, फिल्म और मीडिया रिपोर्टर, Variety ने बाधाएं तोड़ने, ऑडियंस से जुड़ने, और नई संभावनाओं को प्रेरित करने में मदद करने के लिए, डाइवर्स स्टोरीटेलिंग का इस्तेमाल करने पर एक चर्चा का आयोजन किया. उनके साथ ऐसे तीन लोग जुड़े थे जो इस आइडिया के लिए उत्साहित हैं: Amazon Studios की प्रमुख, जेनिफ़र साल्के; ऊकॉन्वा ओजो, मुख्य मार्केटिंग अधिकारी, Amazon Prime Video और Amazon Studios; और स्टीव मैक्वीन, अकादमी पुरस्कार विजेता फ़िल्म निर्माता, जिन्होंने हाल ही में एंथोलॉजी फ़िल्म सीरीज़ स्मॉल एक्स Amazon Prime Video पर रिलीज़ की है.

सिर्फ़ कुछ तरह की कहानियां—लोग, संस्कृतियां—ही यूनिवर्सल अपील जनरेट कर सकती हैं, ऐसी धारणाओं को बदलने के लिए, डाइवर्स स्टोरीटेलिंग अहम है. जैसा कि ओजो ने बताया, स्टोरीटेलिंग का यह अप्रोच, “‘ये ऐसी कहानियां हैं जिसे दुनिया में हर कोई सुनना चाहता है,’ जैसी सोच बदलने को लेकर है. हम इसे सच नहीं मानते. हम चाहते हैं कि लोग दुनिया भर की कहानियां सुनें."

इनकी बातचीत सुनें और जानें कि Amazon Studios किस तरह से नई, डाइवर्स, और ग्लोबल स्टोरीटेलिंग का सपोर्ट कर रहा है, उसे बेहतर बना रहा है, और बढ़ावा दे रहा है.

स्टीव मैक्वीन, अकादमी पुरस्कार विजेता फ़िल्म निर्माता

ऊकॉन्वा ओजो, मुख्य मार्केटिंग अधिकारी, Amazon Prime Video और Amazon Studios; जेनिफ़र साल्के, Amazon Studios की प्रमुख; और स्टीव मैक्वीन, अकादमी पुरस्कार विजेता फ़िल्म निर्माता.

ग्लोबल और लोकल, दोनों तरह की कहानियां बनाना

स्मॉल एक्स बनाने वाली पांच फ़िल्में खास सेटिंग में बनी हैं: 1960 के दशक के अंत और 1980 के दशक के बीच लंदन का वेस्ट इंडियन समुदाय. हालांकि, ऑडियंस को फ़िल्म पसंद आने का मतलब है कि यह फ़िल्म ऐसी कहानियां बताती है जो दुनिया भर के ऑडियंस तक पहुंच सकती हैं.

ओजो कहती हैं, "हम मानते हैं कि कहानी सिर्फ़ यूनाइटेड किंगडम के लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के लोगों के लिए भी काफ़ी असरदार और संबंधित है.”

यह मानना गलत होगा कि कहानियां या तो लोकल होनी चाहिए या ग्लोबल या कहानियां एक साथ न तो खास हो सकती हैं और न ही आदमी के यूनिवर्सल सच को दिखाने वाली हो सकती हैं. असल में, शानदार कहानियों की क्रिएटिविटी और विश्वसनीयता, ऑडियंस तक उनकी मूल दुनिया के पार भी पहुंच सकती हैं. स्मॉल एक्स की पांच फ़िल्मों का कलेक्शन ब्लैक ब्रिटिश इतिहास में हुए एक ऐतिहासिक आंदोलन पर रोशनी डालता है और वे आज भी उतना ही समय के मुताबिक और संबंधित है जितना वे अपने समय में थे.

मैक्वीन कहते हैं, “लोकल ही ग्लोबल है. यह बड़ी बात है. यह किसी खास के लिए नहीं है; यह असल में ग्लोबल यूनिवर्सल है.” संघर्ष, जीत, और समुदाय की ये कहानियां खास और यूनिवर्सल, दोनों हैं और दुनिया भर में अन्याय के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ने वाले किसी भी इंसान को समझ आएंगी.

ग्लोबल स्टोरीटेलर के तौर पर Amazon Studios

स्टोरीटेलिंग Amazon Studios के दिल में है. ओजो कहती हैं, “हम तोड़ते हैं; नया बनाते हैं; हम कहानियों से प्यार करते हैं.” “और हम इसे दुनिया भर के ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं. और ऐसे करने के लिए, हमें ऐसी कहानियां सुनानी होंगी जो दुनिया भर के अलग-अलग लोगों के लिए संबंधित हों [...] हम चाहते हैं कि लोग दुनिया भर की कहानियां सुनें.”

यही वजह है कि Amazon Studios के लिए स्टीव मैक्वीन जैसे टैलेंट से भरे क्रिएटर्स के साथ काम करना और उनके क्रिएटिव विज़न को सपोर्ट करना ज़रूरी हो जाता है. ग्लोबल कहानियों को लोगों तक पहुंचाने में मदद करने के लिए उन्हें सपोर्ट देना चाहिए.

"चाहें हम ग्लोबल टेंटपोल बना रहे हों जो दुनिया भर के ऑडियंस से बात करेंगे या फिर हम ऐसे शो और फ़िल्में बना रहे हैं, जो अपने निजी क्षेत्रों से बाहर आ रहे हैं,” साल्के कहती हैं, “लक्ष्य वही है कि ये कहानियां अपने क्षेत्र से बाहर निकल कर दुनिया भर के लोगों के दिल और दिमाग को छू लें."

दुनिया भर में कहानियों की पहुंच को बढ़ाना

उस पहुंच को ज़्यादा से ज़्यादा बढ़ाने के लिए, कहानी को प्रमोट करने, कहानी की पावर को स्पॉटलाइट में लाने, और ऑडियंस से जुड़ने के तरीके को समझना होगा.

ओजो कहती हैं, "हम मानते हैं कि हर तरह का आर्ट आपको किसी न किसी तरह से सोचने पर मजबूर करने के लिए होता है." “और इसलिए हमारा ज़्यादातर काम यह निकालने और समझने की कोशिश करना होता है: इसमें इमोशनल हुक क्या है और हम इस प्रोसेस में लोगों को क्या महसूस कराना चाहते हैं?"

यह समझ मार्केटिंग में मदद करती है. ओजो बताती हैं, “अपने सबसे गहरे पॉइंट पर मार्केटिंग लोगों को समझने की कोशिश करती है. “हम अपने कस्टमर को समझने में वाकई काफ़ी समय बिताते हैं [...] बस यह समझने की कोशिश करते हैं कि वे कौन हैं.”

ऑडियंस के साथ अपने कनेक्शन को विश्वसनीय और आकर्षक बनाने के लिए, मार्केटर को अपने प्रोडक्ट की तरह ही अपनी ऑडियंस को भी गहराई से जानना होगा. ओजो जोड़ती हैं, "सबसे असरदार कैम्पेन और बातचीत, ब्रैंड और संस्कृति का मेल होते हैं” और यह समझना कि “सबसे मजबूत मेल जो हम कहने की कोशिश कर रहे हैं और वे असल में किसकी परवाह करते हैं के बीच होता है."

ग्लोबल ऑडियंस से जुड़ना

प्रभावी, कहानी के आधार पर, संस्कृति से संबंधित मार्केटिंग के असर को कम करके नहीं बताया जा सकता. “उसकी सबसे दमदार बात यह होती है कि जब आप समुदाय के लिए सच्चे रहते हैं और आप उन्हें सफ़र में साथ जोड़ पाते हैं. आप उन्हें सिर्फ़ कस्टमर के तौर पर ही नहीं जोड़ते हैं, बल्कि इससे भी ज़्यादा ज़रूरी यह है कि आपको ब्रैंड की वकालत करने वाले मिल जाते हैं,” ओजो कहती हैं.

और ऐसा सिर्फ़ ऑडियंस को ही नहीं लगता है, बल्कि स्टोरीटेलर को भी लगता है.

“बाहर से देखने वाले अन्य लोगों के लिए,” मैकक्वीन टिप्पणी करते हैं, उनकी जैसी कहानियों के दुनिया भर में सफल होने से उन्हें यह समझने में मदद मिल सकती है कि वे भी ऐसा कुछ कर सकते है, दुनिया तक पहुंचाने वाली खास कहानियां सुनाना. वे सोचते हैं, "'ओह माय गुडनेस. मेरी कहानी भी अहम है.'"