दानी इज़्जी ने अपनी दिव्यांगता की कहानी को फिर से लिखा. अब वह ब्रैंड को और ज़्यादा इनक्लूसिव बनाने में मदद कर रही हैं.

16 जनवरी, 2024 | लेखक: मैट मिलर, सीनियर कॉपीराइटर

दानी इज़्ज़ी

बहुत बार, दिव्यांग लोगों के बारे में बातचीत एकतरफ़ा हो सकती है. “इससे पार पाने” या “कामयाब होने” के बारे में नैरेटिव के बजाय, Access Social की फ़ाउंडर दानी इज़्ज़ी अपने जीवन के अनुभव को अलग तरह से देखती हैं. उनकी दिव्यांगता उनकी पहचान का एक और पॉज़िटिव हिस्सा है.

इज़्ज़ी कहती हैं, “पूरी दुनिया आपको बताती है कि दिव्यांग होना बुरा है.” “इसलिए, इसे दूसरे तरीक़े से देखना एक तरह से आज़ाद होना और क्रांतिकारी लगता है.”

रीढ़ की हड्डी में चोट लगने के बाद से 15 सालों में, इज़्ज़ी अपनी दिव्यांगता को “हैरान करने वाली यात्रा” कहती हैं, जो उन्हें उस ताक़तवर जगह पर ले गई, जहाँ वह आज हैं. इन सालों के दौरान, उन्होंने अपनी ही बात को चुनौती देने सीखा, जोख़िम उठाया और अवसरों को हासिल किया.

“मैंने अपनी दिव्यांग पहचान को आधार बना कर उस पल का फ़ायदा उठाया. यह कुछ ऐसा है जो बहुत सारे लोग नहीं करना चाहेंगे, क्योंकि सभी नेगेटिव कलंक दिव्यांगता के साथ आते हैं,” वह कहती हैं. “लेकिन, मैं जो कर पाई, वह वास्तव में कुछ पॉज़िटिव बनाना था - इंडस्ट्री में हासिल की गई महारत और दिव्यांग व्यक्ति के रूप में अपने अनुभव से एक बिज़नेस खड़ा करने के लिए.”

2022 में, हाई-परफ़ॉर्मेंस वाली व्हीलचेयर व्हील कंपनी के लिए डिजिटल मार्केटिंग की अगुवाई करने के बाद, इज़्ज़ी ने ख़ुद पर दाँव लगाया और अपना बिज़नेस शुरू किया. Access Social एक फ़ुल-सर्विस वाली सोशल मीडिया एजेंसी है जो दिव्यांग समुदायों तक पहुँचने का इरादा रखने वाले ब्रैंड के लिए इनक्लूसिव मार्केटिंग और एडवरटाइज़िंग सर्विस पर फ़ोकस करती है. कंपनी, रणनीति से लेकर कॉन्टेंट बनाने और इन्फ़्लुएंसर मार्केटिंग तक सब कुछ कवर करती है.

वह दिव्यांग समुदाय में असरदार आवाज़ भी बन गई हैं. 2021 में आई डॉक्यूमेंट्री दानीज़ ट्विन्स, इज़्जी की गर्भावस्था और माँ बनने के सफ़र के बारे में बताती है और इसमें दिखाया गया है कि दिव्यांगता के साथ जीने और माता-पिता बनने का क्या मतलब है.

आगे इज़्ज़ी बता रही हैं कि किसी नैरेटिव को किस तरह चुनौती दी जाए, ब्रैंड किस तरह ज़्यादा ऐक्सेसबल कैम्पेन बना सकते हैं और वे किस तरह प्रामाणिक तरीक़े से दिव्यांग समुदाय से जुड़ सकते हैं.

शुरू करने के लिए, क्या आप अपने बैकग्राउंड और अपने करियर के सफ़र के बारे में कुछ शेयर कर सकती हैं जहाँ आप आज हैं?

मैं दिव्यांग हूँ और यह मेरे लिए बड़ा फ़ैक्टर है. मैं वास्तव में इसे पॉज़िटिव तरीक़े से अपनी पहचान का हिस्सा मानती हूँ. मेरे जीवन में एक ऐसा समय भी था जब यह पॉज़िटिव नहीं था. जब मुझे 15 साल पहले रीढ़ की हड्डी में चोट लगी थी, तो यह बहुत दर्दनाक था. लेकिन समय के साथ, मैंने ख़ुद को नई परिस्थितियों में ढाला है और वास्तव में यह हैरान करने वाली यात्रा रही है. असल में, दिव्यांग होने से पहले मैंने अपना करियर शुरू नहीं किया था और यह दिलचस्प है, क्योंकि इसने पक्के तौर पर मेरे सफ़र पर असर डाला है.

मैंने एक ऐसी कंपनी के लिए काम करना शुरू किया जो एथलीटों और रोज़मर्रा के व्हीलचेयर यूज़र के लिए हाई-परफ़ॉर्मेंस वाले व्हीलचेयर पहिये बनाती है. [कंपनी] बहुत ज़्यादा ध्यान रखने वाली थी और मेरी स्थिति को समझती थी. मैंने एक सोशल मीडिया मैनेजर के रूप में शुरुआत की और यहीं से मैंने वास्तव में इस ख़ास ऑडियंस तक पहुँचने और उनसे बात करने की स्किल विकसित करना शुरू किया. वह काम बेहतर होता रहा और मैं उनकी डिजिटल मार्केटिंग लीड बन गई. मुझे अहसास हुआ कि मेरे पास बहुत ख़ास और अलग तरह की स्किल है. साथ ही, वहाँ इतनी माँग थी कि मैंने Access Social नाम से कंपनी बनाने का फ़ैसला किया.

दानी इज़्ज़ी

क्या आप हमें Access Social और अपने बिज़नेस के ज़रिए किए जा रहे काम के बारे में बता सकती हैं?

इनक्लूसिव मार्केटिंग और एडवरटाइज़िंग सर्विस की अच्छी माँग है. साथ ही, दिव्यांग लोगों को सर्विस देने वाली इंडस्ट्री में अच्छी माँग है. हमने देखा है कि ब्रैंड भी अपनी ब्रांच बढ़ा रहे हैं और वे इस मार्केट तक पहुँचना चाहते हैं, क्योंकि यह बहुत बड़ा है: अमेरिका में हर 4 में से 1 व्यक्ति दिव्यांग है. जब मैं लोगों को यह बताती हूँ, तो वे इस पर भरोसा नहीं करते हैं. लेकिन, मुझे लगता है कि इससे आपको पता चलता है कि दिव्यांगता की परिभाषा असल में कितनी व्यापक है. हम फ़ुल-सर्विस वाली सोशल मीडिया एजेंसी हैं, जिसका मतलब रणनीति से लेकर कॉन्टेंट बनाने और इन्फ़्लुएंसर मार्केटिंग तक सब कुछ है. मेरी ओर से ऑफ़र की जा रही सभी सर्विस का एक अहम हिस्सा यह है कि ऐक्सेसिबिलिटी को सभी प्रक्रिया, यहाँ तक कि रणनीति में भी शामिल किया जाता है. इसका मतलब सिर्फ़ यह नहीं है कि लोग कॉन्टेंट को किस तरह ऐक्सेस कर रहे हैं, बल्कि ऐक्सेसिबिलिटी का मतलब यह भी हो सकता है: क्या मैसेजिंग को आसानी से ऐक्सेस किया जा सकता है?

इस करियर के सफ़र के दौरान आपको मिली या आपके द्वारा सीखी गई सबसे अच्छी सलाह क्या है?

मुझे लगता है कि कभी-कभी मुझे ग़लत सलाह दी गई थी. मुझे यह पक्का करने के लिए कहा गया था कि मेरी आमदनी स्थिर रहे, मैं काम करती रहूँ और सावधान रहूँ. इसने मुझे कई सालों तक रोके रखा जब तक कि मैंने अपनी ख़ुद की सलाह पर अमल नहीं किया कि मुझे अपने सपनों और इच्छाओं को पूरा करने के लिए वही करना चाहिए जो मैं करना चाहती हूँ. मुझे लगता है कि जब आप किसी अवसर का फ़ायदा उठाने के लिए दरवाजे खुलते हुए देखते हैं तो यह अहम होता है. मैंने अपनी दिव्यांग पहचान को आधार बना कर उस पल का फ़ायदा उठाया. यह कुछ ऐसा है जो बहुत सारे लोग नहीं करना चाहेंगे, क्योंकि सभी नेगेटिव कलंक दिव्यांगता के साथ आते हैं. लेकिन, मैं यहाँ जो कर पाई, वह असल में कुछ पॉज़िटिव बनाने के बारे में था. यह इंडस्ट्री में हासिल की गई महारत और दिव्यांग व्यक्ति के रूप में अपने अनुभव से बिज़नेस खड़ा करने के बारे में था.

2021 में आई डॉक्यूमेंट्री दानीज़ ट्विन्स, इज़्जी की गर्भावस्था और माँ बनने के सफ़र के बारे में बताती है और इसमें दिखाया गया है कि दिव्यांगता के साथ जीने और माता-पिता बनने का क्या मतलब है.

आपने पहले इस बारे में बात की थी कि समय के साथ दिव्यांग व्यक्ति के रूप में आपकी राय ख़ुद के बारे में किस तरह बदल गई है. साथ ही, यह भी लगता है कि उस नज़रिये को बदलने के लिए हम यहाँ उस बारे में बात कर रहे हैं.

मुझे लगता है कि यह बहुत अहम है. पूरी दुनिया आपको यही बताती है कि दिव्यांग होना बुरा है. इसलिए, इसे दूसरे तरीक़े से देखना एक तरह से आज़ाद होना और क्रांतिकारी लगता है. मैं यह पता लगा रही हूँ कि मैं इसे किस तरह बेहतर बना सकती हूँ और दूसरों पर भी असर डाल सकती हूँ. एक बार जब मैंने दिव्यांग समुदाय के साथ घुलना-मिलना शुरू किया, तो दिव्यांगता के साथ मेरी अपनी यात्रा और ताक़तवर हो गई. मैंने उन सभी दूसरे लोगों को देखा जो अपनी स्थिति के हिसाब से जीना सीख रहे थे. उन्होंने अपनी दिव्यांगता को कमज़ोरी या बाधा नहीं माना. जो कुछ भी था, इसने उन्हें मज़बूत बनाया और उन्हें स्किल, वैल्यू और नज़रिये का यूनीक सेट दिया.

मुझे वह पसंद है जो आपने इस बारे में कहा है कि किस तरह अलग तरह से सोचना क्रांतिकारी होता है. आप वहाँ जो कर रहे हैं वह मीडिया और एडवरटाइज़िंग के नैरेटिव को चुनौती दे रहा है. और आपने इस क्षेत्र में ऐसा काम किया है जो हैरान करने वाला है. ब्रैंड, ऐक्सेसिबिलिटी शामिल उस स्क्रिप्ट को किस तरह बदल सकते हैं और ज़्यादा ख़ास कैम्पेन बना सकते हैं?

जब दिव्यांगता को शामिल करते हुए एडवरटाइज़िंग करने की बात आती है, तो लोग आपके प्रोडक्ट या सर्विस तक पहुँच पाएँ, इसके लिए ऐक्सेसिबिलिटी कॉम्पोनेंट बहुत अहम होते हैं. हालाँकि, मैसेजिंग भी इसका एक पहलू है जो मुझे लगता है कि उन लोगों के लिए सही समझ पाना मुश्किल है जो दिव्यांग नहीं हैं और कंसल्टेंट या अपनी टीम के लोगों के जीवित अनुभव के बिना इसे समझने की कोशिश करते हैं. जैसा कि मैंने कहा, 4 में से 1 व्यक्ति दिव्यांग है और उन सभी लोगों का इसके बारे में अलग-अलग नज़रिया है. इसलिए मैसेजिंग ज़रूरी है, ताकि आप किसी को अलग महसूस न कराएँ. इसमें बहुत बारीक़ फ़र्क़ होता है. साथ ही, मैं कहूँगी कि दिव्यांग लोगों के लिए भरोसा बड़ी चीज़ होती है. यह समुदाय बहुत बड़ा है. कभी-कभी भरोसा सिर्फ़ समुदाय के ज़रिए ही बढ़ता है. इसलिए, किसी प्रोजेक्ट या कैम्पेन पर दिव्यांग समुदाय के साथ काम करना आमतौर पर सबसे बेहतर तरीक़ा है.

ब्रैंड परफ़ॉर्मेटिव मार्केटिंग से किस तरह बच सकते हैं? साथ ही, वे प्रामाणिक तरीक़े से इन ऑडियंस के साथ किस तरह भरोसा बना सकते हैं?

असल में, रिसर्च और विकास के फ़ेज में दिव्यांग समुदाय से अलग-अलग राय पाना अहम है. ऐतिहासिक रूप से हम ब्रैंड की तरफ़ से अक्सर एक ही अप्रोच देखते हैं और वे कहते हैं, “ओह! दिव्यांग लोग बहुत ज़्यादा प्रेरित करते हैं.” असल में, हर समय सिर्फ़ उस एक नैरेटिव को बनाना बहुत आसान है. हालाँकि, यह नैरेटिव उन लोगों के बारे में है जो दिव्यांग नहीं हैं, यह दिव्यांग लोगों के बारे में बात नहीं करता है. असल में, दिव्यांग लोगों को आज़ादी देना अहम है. यह लापरवाही वाला विचार है. सबसे पहले, एक व्यक्ति के तौर पर दिव्यांग लोगों की परवाह की जानी चाहिए. आपको हमेशा दिव्यांगता पर फ़ोकस करने की ज़रूरत नहीं है. यह अलग-अलग तरह के ग्रुप के साथ ऐड करना हो सकता है.

इस विषय पर सबसे आगे रहने और इन इनक्लूसिव कैम्पेन को बनाने के लिए ब्रैंड की क्या ज़िम्मेदारी है?

असल में, सबको साथ लेकर चलना ज़रूरी है, क्योंकि दिव्यांग लोगों के लिए व्यवस्था को बदलने के लिए ब्रैंड बहुत कुछ कर सकता है. बड़े पैमाने पर कंज़्यूमर इसे देखते हैं और यह तरीक़ा बन जाता है. यह दिव्यांग लोगों को प्रतिनिधित्व देने और दिव्यांग जिन भेदभाव का सामना करते हैं, उन्हें ख़त्म करने में मदद करेगा. दिव्यांग लोग चीज़ें ख़रीदना चाहते हैं और उन्हें मीडिया में शामिल किया जाना चाहिए और उन्हें प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए, इसलिए यह बिज़नेस को समझ में आता है और नैतिक रूप से भी यह सही काम है. ऐक्सेसिबिलिटी हर किसी के लिए अच्छी चीज़ है.

इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की कितनी गुंजाइश है? अभी भी कौन-से काम किए जाने हैं?

ख़ैर, इनमें से कई बड़े ब्रैंड दिव्यांग लोगों के लिए डेडिकेटेड भूमिकाएँ और लीडरशिप पोज़िशन बना रहे हैं. मुझे लगता है कि यह असरदार है, क्योंकि उन पोज़िशन पर बैठे लोग असल में परवाह करते हैं. वे जीवंत अनुभव वाले ज़्यादा लोगों को लाने जा रहे हैं. वहाँ अभी बहुत काम किया जाना है, लेकिन बड़ी कॉर्पोरेट कंपनियांँ आगे बढ़ कर रास्ता तैयार कर रही हैं.